बीजेपी ने कानपुर में पार्टी कार्यक्रम के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया: कांग्रेस

भाषा

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कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी पर कानपुर में पार्टी कार्यालय के उद्घाटन से पहले गरीब मूर्तिकारों की झुग्गियां उजाड़ने और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया.

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार, 23 नवंबर को कानपुर में क्षेत्रीय पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने कानपुर में बीजेपी कार्यालय के उद्घाटन से पहले ‘गरीब मूर्तिकारों की झुग्गियां उजाड़े जाने की’ कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि इस घटना ने योगी सरकार का गरीब विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जिन राजस्थानी मूर्तिकारों को उजाड़ा गया, वे भगवान की मूर्तियां बनाते थे और प्रशासन ने अपनी कार्रवाई के दौरान इन मूर्तियों को भी रौंद दिया.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेपी नड्डा, ने मंगलवार को कानपुर का दौरा किया और पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय और सात अन्य जिला कार्यालयों का उद्घाटन किया. नड्डा के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.

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पुनिया ने एक बयान में कहा, ‘‘बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कानपुर में पांच सितारा होटल जैसे पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया. पूरा प्रशासन सत्ताधारी पार्टी के कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटा रहा, लेकिन इस भव्यता के पर्दे में योगी सरकार के काले कारनामे छिप नहीं सकते. सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने बीजेपी दफ्तर के आसपास और रास्ते में पड़ने वाली झुग्गियों में रहने वाले परिवारों को उजाड़ दिया.’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कानपुर दक्षिण के रेल मैदान में एक किनारे रहने वाले राजस्थानी मूर्तिकारों के जिस परिवार को उजाड़ा गया, वह दस साल से वहां रह रहा था. प्रशासन ने एक दिन पहले ही उनका आशियाना तोड़ दिया. यह भी ध्यान नहीं दिया गया कि परिवरा में दिव्यांग, बूढ़े, बच्चे और गर्भवती महिलायें भी शामिल हैं. पुलिस ने उनके साथ बर्बर व्यवहार किया. जेसीबी लगाकर उनका घर तोड़ा गया और मूर्तियों को भी रौंदा गया.’’

पुनिया ने कहा कि शहर कांग्रेस कमेटी ने खुले आसमान के नीचे पड़े इन मूर्तिकारों के परिवार को मदद दी.

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उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि इस घटना ने साबित कर दिया है कि योगी सरकार का गरीबों के प्रति क्या रुख है। यह भी ग़ौर करने की बात है कि कानपुर में बीजेपी का चार मंजिला दफ्तर महज़ दो साल में बनकर तैयार हो गया. लेकिन इस दफ्तर के ठीक बगल में शासन की ओर से जिस सौ बिस्तर के अस्पताल के निर्माण का ऐलान किया गया था उसका साढ़े चार साल में शिलान्यास भी नहीं हो सका है.’’

पुनिया ने मांग की कि प्रदेश सरकार कानपुर में उजाड़े गये पीड़ित परिवारों का पुनर्वास कराए और उन्हें तुरंत आर्थिक सहायता मुहैया कराए. उन्होंने यह भी मांग की कि उन प्रशासनिक अफसरों पर भी कार्रवाई की जाये जिन्होंने गरीबों के घर उजाड़े हैं.

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