शिवपाल यादव ‘राम भक्त’ तो हो गए पर BJP में उनके लिए कुछ ऑप्शन है भी या नहीं? यहां समझिए
शिवपाल यादव को लेकर तरह-तरह की अटकलों का दौर जारी है. ताजातरीन अटकल ये है कि शिवपाल यादव को बीजेपी विधानसभा का उपाध्यक्ष बना सकती…
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शिवपाल यादव को लेकर तरह-तरह की अटकलों का दौर जारी है. ताजातरीन अटकल ये है कि शिवपाल यादव को बीजेपी विधानसभा का उपाध्यक्ष बना सकती है. हालांकि इसकी औपचारिक चर्चा अभी कहीं नहीं हुई है, लेकिन जिस पद पर नितिन अग्रवाल पिछली सरकार में आखिरी के कुछ महीने रहे, सियासी चर्चा बहुत तेज है शिवपाल यादव को वह पद दिया जा सकता है. सदन के भीतर रहते हुए यह शिवपाल यादव के कद के मुताबिक ये पद होगा, लेकिन फिलहाल इस पर कोई आखिरी फैसला नहीं हुआ है.
दूसरी जो सबसे बड़ी चर्चा है वह यह कि उन्हें बीजेपी राज्यसभा भेजेगी, लेकिन फिलहाल नहीं. यह सब कुछ आजमगढ़ उपचुनाव में शिवपाल यादव की भूमिका और नतीजों के बाद तय होगा.
एक चर्चा यह भी है कि शिवपाल यादव को बीजेपी आजमगढ़ से चुनाव लड़ने को कह सकती है. अखिलेश यादव के आजमगढ़ संसदीय सीट छोड़ने के बाद यह सीट खाली हुई है और इस बात की उम्मीद कहीं ज्यादा है कि बीजेपी शिवपाल यादव को यह सीट लड़ने को दे सकती है.
हाल के दिनों में शिवपाल यादव ने अपनी तरफ से बीजेपी की ओर कई संकेत भेजे हैं. मसलन दिल्ली से लौटते ही सीधे 5 कालिदास मार्ग में योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करना, मुलायम सिंह यादव से अपने राजनीतिक भविष्य की चर्चा करना, पहली बार ट्वीट कर रामलला के बारे में लिखना और परिवार के आदर्श याद दिलाने जैसे संकेत उनकी तरफ से आ चुके हैं. इस दिशा में शिवपाल यादव यह भी कह चुके हैं कि वह यह नहीं कह सकते बीजेपी में जाएंगे या नहीं.
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शिवपाल यादव पर सबसे बड़ा दबाव अपने बेटे आदित्य यादव के भविष्य को सुनिश्चित करना है. ऐसे में फिलहाल कयासों का बाजार गर्म है और शिवपाल यादव भी अपनी भूमिका को लेकर पशोपेश में हैं. हालांकि बीजेपी के उच्च सूत्रों का कहना है कि अभी शिवपाल यादव को कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. सब कुछ परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.
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