निकाय चुनाव: HC के फैसले पर राम गोपाल बोले- ‘मौर्य की स्थिति बंधुआ मजदूर जैसी’, मिला जवाब
UP Nikay Chunav Update: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार के नगरीय निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते…
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UP Nikay Chunav Update: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार के नगरीय निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के कराने का आदेश दिया. इस फैसले से राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है. मगर हाईकोर्ट का फैसला सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने सूबे की भाजपा सरकार को खरी खोटी सुनाई. साथ ही में उन्होंने यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर भी तीखा तंज कसा.
सपा नेता ने कहा,
“निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण खतम करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण. उत्तरप्रदेश सरकार की साजिश. तथ्य न्यायालय के समक्ष जानबूझकर प्रस्तुत नहीं किए. उत्तर प्रदेश की साठ फीसदी आबादी को आरक्षण से वंचित किया. ओबीसी मंत्रियों के मुंह पर ताले. मौर्य की स्थिति बंधुआ मजदूर जैसी.”
राम गोपाल यादव
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केशव प्रसाद मौर्य ने किया पलटवार!
वहीं, रामगोपाल यादव के इस ट्वीट के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें जवाब दिया. उन्होंने कहा, “राम गोपाल यादव बताए कि जब उनके भतीजे की सरकार थी, तब कितना आरक्षण देकर उन्होंने कितने चुनाव कराए थे? उनके राज में नौकरियों में सिर्फ एक जाति पर विशेष ध्यान दिया जाता था.”
UP Political News: आपको बता दें कि आपको बता दें कि पीठ ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा पांच दिसंबर को तैयार मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के कराने के आदेश दिए हैं.
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उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले’ के बिना सरकार द्वारा तैयार किए गए ओबीसी आरक्षण के मसौदे को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर उच्च न्यायालय का यह फैसला आया.
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