ताबड़तोड़ घोषणाएं, शिलान्यास से किसी पार्टी का जनाधार नहीं बढ़ने वाला: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ताबड़तोड़ घोषणाएं, शिलान्यास…
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बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ताबड़तोड़ घोषणाएं, शिलान्यास और आधे-अधूरे कार्यों का उद्घाटन करने से किसी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है.
बीएसपी चीफ मायावती ने बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी (एसपी) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले दूसरी पार्टियों के निष्काषित और स्वार्थी किस्म के लोगों को शामिल करने से कोई पार्टी मजबूत नहीं होती.
मायावती ने सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए कहा,
‘‘चुनाव घोषित होने से कुछ समय पहले केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार की ओर से ताबड़तोड़ घोषणाएं, शिलान्यास और आधे-अधूरे कार्यों के उद्घाटन से भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है. राज्य की जनता अब यह अच्छी तरह से समझ चुकी है. मैं प्रदेश की जनता को ऐसे सभी हथकंडो से सावधान रहने की अपील करती हूं.’’
मायावती, बीएसपी चीफ
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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप का लोकार्पण किया था. हाल के दिनों में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई योजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन किया है. ऐसा समझा जाता है कि मायावती का इशारा इसी तरफ था.
पिछले कुछ दिनों में समाजवादी पार्टी में बीएसपी के पूर्वांचल के ब्राह्मण वर्ग के नेताओं को शामिल किए जाने पर मायावती ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा,
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‘‘राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले दूसरी पार्टियों के खासकर निष्काषित और स्वार्थी किस्म के लोगों को शामिल करने से किसी भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नही हैं. जनता ऐसे घोर स्वार्थी तत्वों को आयाराम और गयाराम ही कहती है.’’
मायावती, बीएसपी प्रमुख
यूपी पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मीडिया के एक वर्ग की तरफ से जनता के सामने यह सब हर दिन इसे ऐसे दर्शाया जाता है जैसे यह कोई बड़ी घटना हो और जनता प्रभावित हो जाए.’’
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हाल ही में बीएसपी से निष्काषित पूर्वांचल के विधायक समेत ब्राह्मण समुदाय के कई नेताओं ने एसपी की सदस्यता ग्रहण की थी. परोक्ष रूप से मायावती का निशाना इन्हीं नेताओं की तरफ था.
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