चुनाव के बीच फायरिंग! मुख्तार का ‘दाहिना हाथ’ कहे जाने वाले अभय सिंह गिरफ्तार, जानें कहानी

संतोष शर्मा

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उत्तर प्रदेश के बाहुबली कहे जाने वाले अभय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. बता दें कि अयोध्या पुलिस ने अभय सिंह को शुक्रवार देर रात गोसाईगंज इलाके में हुई फायरिंग और पथराव की घटना के मामले में गिरफ्तार किया है. कौन हैं बाहुबली अभय सिंह जिनका कृष्णानंद राय हत्याकांड से लेकर सीएमओ हत्याकांड में तक नाम आया और अब वह क्यों जा रहे हैं जेल, पढ़िए इस खास रिपोर्ट को.

पूर्वांचल के बाहुबलियों में अभय सिंह और धनंजय सिंह ये दो, ऐसे नाम हैं जो अब तक जेल के बाहर रहे. धनंजय सिंह पर अजीत सिंह हत्याकांड में शामिल होने का आरोप लगा, उनपर 25000 रुपये का इनाम घोषित हुआ, हालांकि अब एसटीएफ की जांच में धनंजय सिंह को राहत मिली है और वह चुनाव भी लड़ रहे हैं. वहीं, अभय सिंह अयोध्या की गोसाईगंज सीट से एक बार फिर समाजवादी पार्टी (एसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. अभय सिंह के सामने अयोध्या के बाहुबलियों में शुमार किए जाने वाले इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी मैदान में हैं.

मुख्तार अंसारी के खास लोगों में गिने जाते हैं अभय सिंह

बता दें कि अभय सिंह का नाम मुख्तार अंसारी के सबसे खास लोगों में आता है. अभय सिंह को मुख्तार अंसारी का ‘दाहिना हाथ’ कहा जाता है. लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से उत्तर प्रदेश की राजनीति में ‘माननीय’ बनने वाले अभय सिंह और धनंजय सिंह कभी गहरे दोस्त हुआ करते थे और दोनों ही मुख्तार अंसारी के ‘गुर्गे’ थे. ऐसा कहा जाता है कि मुख्तार अंसारी के इशारे पर ही अभय और धनंजय काम किया करते थे. मगर समय के साथ धनंजय सिंह ने खेमा बदल दिया, लेकिन अभय सिंह मुख्तार अंसारी के साथ ही जुड़े रहे. बता दें कि अभय सिंह पर फिलहाल 10 मुकदमे दर्ज हैं.

इन मामलों में सामने आया अभय सिंह का नाम

अभय सिंह का सबसे पहले नाम लखनऊ के जेलर आरके तिवारी हत्याकांड में आया. चर्चा है कि जेलर आरके तिवारी का लखनऊ जेल में बंद अभय सिंह से विवाद हुआ था, जिसके बाद ही राज भवन के सामने आरके तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या कांड में अभय सिंह पर साजिश रचने का आरोप भी लगा और एफआईआर में नाम भी सामने आया. हालांकि पुलिस की जांच में अभय सिंह का नाम नहीं आ सका.

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बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड से भी अभय सिंह का नाम उस वक्त जुड़ा जब हाल हाल ही में हत्याकांड से जुड़ा एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें एक आवाज अभय सिंह और दूसरी आवाज मुख्तार अंसारी की बताई गई. इस ऑडियो में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद मुन्ना बजरंगी की ओर से चोटी काटने की बात बताई जा रही थी.

साल 2007-2012 के बीच उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार के दौरान परिवार कल्याण विभाग के सीएमओ विनोद आर्या की हत्या में भी अभय सिंह का नाम आया. अभय सिंह को पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता बताया. कहा गया कि परिवार कल्याण में ठेकों की वजह से अभय सिंह ने विनोद आर्या की हत्या कराई. मामला सीबीआई जांच तक गया, लेकिन सीबीआई को भी इस जांच में अभय सिंह के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले.

फिर, 2012 में अभय सिंह एसपी के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक बने. फैजाबाद से लेकर पूर्वांचल के तमाम जिलों में रेलवे के ठेके पट्टों से लेकर मोबाइल टावर के ठेकों में अभय सिंह का ही दखल रहा है. मगर 2017 के चुनाव में अपना दल के उम्मीदवार इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी के सामने अभय सिंह चुनाव हार गए.

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एसपी की टिकट पर तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं अभय सिंह

अयोध्या की गोसाईगंज सीट से 2012 में विधायक बने अभय सिंह 2022 के विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी हैं. अभय सिंह के सामने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं जेल में बंद खब्बू तिवारी की पत्नी आरती हैं. खब्बू तिवारी को हाल ही में एमपी-एमएलए कोर्ट ने फर्जी मार्कशीट के मामले में सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी सदस्यता चली गई. अपना दल के टिकट पर विधायक बने खब्बू तिवारी के जेल जाने के बाद बीजेपी ने आरती तिवारी को टिकट दिया है.

बता दें कि खब्बू तिवारी और अभय सिंह के बीच समय-समय पर विवाद होते रहे हैं. दोनों ही इलाकाई बाहुबली हैं. शुक्रवार, 18 फरवरी को हुए हमले की घटना में खब्बू तिवारी की तरफ से विकास सिंह नामक शख्स का ही नाम सामने आया.

विकास सिंह वह व्यक्ति है जो कभी अभय सिंह का ‘गुर्गा’ हुआ करता था. ऐसी खबर है कि एक ठेके के विवाद में अभय सिंह ने विकास को अपनी विधायकी के दौरान एक कमरे में बंधक बनाकर जमकर बेइज्जत किया था, तभी से विकास सिंह खब्बू तिवारी के खेमे में चला गया. इससे अभय सिंह और खब्बू तिवारी के बीच विवाद और ज्यादा बढ़ गया.

इसके बाद से तमाम विवाद में विकास सिंह का नाम भी सामने आने लगा. शुक्रवार देर रात हुई फायरिंग और पथराव की घटना में भी अभय सिंह ने विकास सिंह पर ही आरोप लगाया था. वहीं, आरती तिवारी और विकास सिंह ने आरोप लगाया कि उनके काफिले पर फायरिंग खुद अभय सिंह कर रहे थे. बता दें कि अयोध्या पुलिस ने अभय सिंह को इस घटना में गिरफ्तार कर लिया है.

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