EVM को लेकर वायरल ऑडियो का दावा निकला फर्जी, अखिलेश ने भी किया था जिक्र, पढ़ें ये फैक्ट चेक
समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने शनिवार, 12 मार्च को ईवीएम को लेकर एक ट्वीट किया. ट्वीट में उन्होंने लिखा, “EVM बदले जाने को लेकर…
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समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने शनिवार, 12 मार्च को ईवीएम को लेकर एक ट्वीट किया. ट्वीट में उन्होंने लिखा, “EVM बदले जाने को लेकर एक चुनाव अधिकारी की किसी से बात की जो ऑडियो रिकार्डिंग सोशल मीडिया पर चल रही है, मा. उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रपति महोदय उसका संज्ञान लें व सरकार संबंधित व्यक्ति को तुरंत संपूर्ण सुरक्षा दे. किसी एक व्यक्ति का जीवन हमारे लिए सरकार बनाने से ज़्यादा अहम है.”
इस ऑडियो की यूपी तक ने पड़ताल की. हमारे फैक्ट चेक में ईवीएम को लेकर ऑडियो क्लिप का तथ्य और दावा फर्जी निकला.
क्या है वायरल ऑडियो में?
इस वायरल ऑडियो में दो शख्स आपस में बात कर रहे हैं, जिनमें एक शख्स बता रहे हैं कि वह गाजीपुर जिले के कासिमाबाद क्षेत्र में चुनाव ड्यूटी पर थे. आपको बता दें कि कासिमाबाद तहसील जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र में पड़ती है, जहां से समाजवादी पार्टी के गठबंधन सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के ओम प्रकाश राजभर को जीत मिली है.
इस वायरल ऑडियो में संबंधित शख्स से पूछा जा रहा है कि अगर ईवीएम बदली गई, तो उन्होंने इसका विरोध क्यों नहीं किया. इस पर वह पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि धमकी के डर से उन्होंने विरोध नहीं किया.
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो के आर्काइव लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है.
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इस ऑडियो में एक शख्स खुद को चंदौली के बाबू तूफानी राम महाविद्यालय के बीटीसी विभाग का विभागाध्यक्ष होने का दावा कर रहा है और बतौर पीठासीन अधिकारी चुनावी ड्यूटी के दौरान वह गाजीपुर के कासिमाबाद पर तैनात था. उसने खुद को वाराणसी के तरना के पंडितान का रहने वाला बताते हुए एसपी समर्थक भी बता रहा है.
ऑडियो के दावे को जानने के लिए वाराणसी के उसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विवि का रुख हमने किया. जहां से वह शख्स खुद की ड्यूटी विवि के कुलपति की ओर से लगाने का दावा कर रहा था और चुनावी ड्यूटी के दौरान ईवीएम भी बदले जाने की बात बता रहा था. यह जानने के लिए हमने विवि के पीआरओ डॉ नवरत्न सिंह से बातचीत की.
डॉ. नवरत्न सिंह ने बताया कि उनके विवि से चंदौली का बाबू तूफानी राम महाविद्यालय एक स्ववित्तपोषित कॉलेज के तौर पर संबंद्ध है और वहां बीटीसी विभाग भी है. लेकिन उनके विवि से स्ववित्तपोषित किसी कॉलेज के कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती क्योंकि चुनावी ड्यूटी में सिर्फ सरकारी मुलाजिम ही जाते हैं. इसलिए ऑडियो क्लिप में शख्स की ओर से किए गए दावे और तथ्य बेबुनियाद और फर्जी है. चुनावी ड्यूटी लगती भी है तो उनके मुख्य कैंपस से सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की लगती है.
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इस मामले में पड़ताल के क्रम में हम चंदौली के फतेपुर मझवार स्थित बाबू तूफानी सिंह महाविद्यालय पहुंचे. पूरे मामले पर संबंधित महाविद्यालय के प्रबंधक अजय सिंह की तरफ से कहा गया है कि ऑडियो में जो व्यक्ति ईवीएम की अदला-बदली सहित अन्य बातें कह रहा है, उससे उनके महाविद्यालय से कोई संबंध नहीं है.
अजय सिंह ने बताया कि यह ऑडियो पूरी तरह से भ्रामक है और तरह का कोई भी व्यक्ति हमारे महाविद्यालय में नियुक्त नहीं है. उन्होंने बताया कि यह महाविद्यालय एक प्राइवेट महाविद्यालय है और किसी भी प्राइवेट कॉलेज के कर्मचारी की ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जाती है और उनके भी महाविद्यालय के किसी कर्मचारी की ड्यूटी कहीं नहीं लगाई गई थी.
अजय सिंह ने आगे बताया कि उनके यहां बीटीसी विभाग लेकिन उसमें राहुल सिंह नाम के अध्यापक विभागाध्यक्ष हैं, जबकि ऑडियो में दावा किया गया है कि वह व्यक्ति ब्राह्मण है जो इस कॉलेज में बीटीसी के विभागाध्यक्ष के पद पर नियुक्त है.
अजय सिंह ने हमको आगे बताया कि उनके कॉलेज में कई ब्राह्मण टीचर नियुक्त हैं.लेकिन बीटीसी विभाग में कोई भी ब्राह्मण टीचर नियुक्त नहीं है.बल्कि राहुल सिंह नाम के अध्यापक यहां पर बीटीसी के विभागाध्यक्ष हैं.
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वहीं दूसरी तरफ चंदौली के जिलाधिकारी संजीव सिंह ने लिखित स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि जनपद के किसी भी कार्मिक की चुनाव ड्यूटी किसी भी अन्य जिले में नहीं लगाई गई थी.
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