ओम प्रकाश राजभर के साथ ‘खेल’ करने वाले पुराने साथी शशि सिंह की कहानी, जानें कौन हैं ये?
यूपी में समाजवादी गठबंधन के सहयोगी सुभासपा फिर चर्चा में है. करीब 17 साल से ओम प्रकाश राजभर के साथी रहे शशि प्रकाश सिंह ने…
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यूपी में समाजवादी गठबंधन के सहयोगी सुभासपा फिर चर्चा में है. करीब 17 साल से ओम प्रकाश राजभर के साथी रहे शशि प्रकाश सिंह ने सुभासपा से अलग होकर ‘राष्ट्रीय समता पार्टी’ के गठन का ऐलान किया है. राजभर पर आरोप लगाते हुए शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि ‘वो राष्ट्रपति चुनाव में NDA के प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में नहीं हैं. क्योंकि उनको छोड़कर पार्टी के अन्य सभी 5 विधायक सपा के साथ हैं.’ राजभर के एनडीए प्रत्याशी के लिए मुख्यमंत्री आवास पर डिनर में जाने की बात पर शशि प्रकाश सिंह का कहना है कि ‘अखिलेश यादव पर दबाव बनाने और उनको ब्लैकमेल करने के लिए ये बात फैलाई गई.’
आपको बता दें कि सोमवार को शशि प्रकाश सिंह ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की. अलग होने से पहले उन्होंने तमाम आरोप लगाए. शशि प्रकाश सिंह ने सुभापसा चीफ को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि ‘राजभर जितना झूठ बोलते हैं, कोई नहीं बोल सकता. उनको सिर्फ पैसे का लालच है.’
शशि प्रकाश सिंह ने बताया कहा, “मेरे साथ गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़ के सैकड़ों कार्यकर्ता हैं. जो ओम प्रकाश राजभर से खुश नहीं थे. मैं साये की तरह ओम प्रकाश राजभर के साथ रहा. मुझे एक-एक बात का पता है…राजभर पैसे के लिए हर राजनीतिक दल से अलग होते रहे.”
पार्टी में अलग अलग जिम्मेदारी सम्भालते रहे शशि प्रकाश सिंह ने यूपी तक को बताया,
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“राजभर ने जिस तरह से राम को लेकर चुनाव से पहले बयान दिया कि वो राम को नहीं मानते उससे भी बहुत लोग नाराज़ हुए. मैंने कई बार उनकी भाषा को लेकर बहुत समझाया पर राजभर जी नहीं मानें. हम लोगों की विचारधारा चाहे कुछ हो, हम लोग सनातनी हैं. इससे सपा गठबंधन के वोट घट गए, नुकसान हुआ.”
शशि प्रकाश सिंह
उन्होंने कहा कि पहले चुनाव में उन्होंने पार्टी के नेताओं को मौका देने के बात कही, पर बाद में अपने बेटे को चुनाव लड़वा दिया.
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राजभर 2017 में बीजेपी से सहयोगी थे. तब उनकी पार्टी के चार विधायक जीते थे. शशि प्रकाश सिंह कहते हैं कि ‘उन्होंने सिर्फ बीजेपी को धोखा नहीं दिया बल्कि सबको धोखा दिया है. बीएसपी के साथ राजनीति शुरू की. बीएसपी से अलग हुए. अपना दल के साथ आए, वहां से पैसे को लेकर विवाद हुआ तो अलग हो गए. वो अब भी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन नहीं करेंगे, वो बस अखिलेश यादव पर दबाव बनाना चाहते हैं.’
विस चुनाव में राजभर और शशि के बीच पड़ी थी दरार?
सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान राजभर और शशि प्रकाश सिंह के बीच मतभेद पैदा हुए थे. ऐसा कहा जा रहा है कि जिस सीट से शशि प्रकाश सिंह चुनाव लड़ना चाहते थे, उस पर राजभर ने अपने बेटे को लड़ा दिया था. इसी बात से शशि प्रकाश सिंह नाराज बताए जा रहे थे.
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वहीं, इसी साल मई के महीने में शशि प्रकाश सिंह को सुभापसा के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. उनके ऊपर विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवादित बयान देने का आरोप लगा था.
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