नाराज शिवपाल ने दिए संकेत? ट्विटर पर PM मोदी, CM योगी को किया फॉलो

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यूपी चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की चर्चाएं लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ रही हैं. समाजवादी पार्टी की विधायक दल की बैठक में बुलाये नहीं जाने से नाराज होकर शिवपाल यादव SP गठबंधन के विधायक दल की बैठक में भी नहीं पहुंचे. इसके बाद शिवपाल के BJP में जाने को लेकर भी तमाम अटकलबाजियां शुरू हो गईं. इस बीच शिवपाल यादव ने अब ऐसा स्टेप उठाया है जिससे उनको लेकर चर्चाएं और तेज हो गई हैं.

असल में शिवपाल यादव ने ट्विटर पर PM मोदी और CM योगी को फॉलो किया है. अब राजनीति में यूं ही तो कुछ होता नहीं है. ऐसे में टाइमिंग को लेकर तमाम तरह की बातें की जा रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि शिवपाल ने एक तरह से अपने भविष्य के कदम का संकेत देने का काम किया है.

क्या बीजेपी के सहारे राज्यसभा जाएंगे शिवपाल?

राजनीतिक गलियारों में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शिवपाल को राज्यसभा भेज सकती है और जसवंतनगर सीट उनके बेटे आदित्य यादव को दे सकती है. अखिलेश ने विधानसभा चुनाव में आदित्य यादव को टिकट देने से इनकार कर दिया था.

एसपी की सहयोगी दलों की बैठक में नहीं गए थे शिवपाल

गौरतलब है कि बीते मंगलवार को एसपी चीफ अखिलेश यादव ने अपने सहयोगी दलों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के चीफ शिवपाल सिंह यादव भी आमंत्रित थे, लेकिन वह शामिल नहीं हुए. इसी के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गए कि अखिलेश के कुनबे में फिर एक बार सब कुछ सही नहीं चल रहा है.

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शिवपाल क्यों हुए नाराज?

आपको बता दें कि चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के लिए एसपी ने विधायकों की मीटिंग बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में शिवपाल को न्योता नहीं मिला. उन्होंने इसे लेकर खुलेआम नाराजगी जताई और कहा कि वह दो दिनों से लखनऊ में इस मीटिंग का इंतजार कर रहे थे. इसके बाद शिवपाल लखनऊ से इटावा चले गए थे.

शिवपाल को मीटिंग में बुलाए जाने की क्यों थी उम्मीद?

दरअसल, 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव शिवापल सिंह यादव ने एसपी के टिकट पर लड़ा था और जसवंतनगर सीट से उन्हें जीत हासिल हुई थी. नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए एसपी ने अपने विधायकों को न्योता दिया, ऐसे में शिवपाल को उम्मीद थी कि उन्हें भी बुलाया जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ.

ऐसे में अगर शिवपाल यादव पाला बदलते है तो कई लोगों को आश्चर्य नहीं होगा, क्योंकि कई मौकों पर अखिलेश ने खुद अपने चाचा पर आदित्यनाथ के संपर्क में रहने और भगवा पार्टी के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है.

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