‘कच्ची दाल की पानी से रोटी मिलती थी खाने को’, आजम ने जेल में मिली तकलीफों की कहानी सुनाई

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान 27 महीनों बाद 20 मई को जेल से रिहा हुए. रिहाई के बाद उन्होंने प्रेसवार्ता कर जेल में मिली तकलीफों की कहानी सुनाई.

उन्होंने बताया कि वह सामान्य कैदी थे. उन्होंने कहा, “जेल में खाने को कच्ची दाल की पानी से रोटी मिलती थी. उसमें दाल नहीं होती थी, सिर्फ पानी होता था.”

मुसलमानों के कथित तौर पर अवैध घरों और दुकानों पर बुल्डोजर की कार्रवाई से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने तो एक बार विधानसभा में कहा था कि सिर्फ मुसलमानों पर शरीयत कानून लागू कर दिया जाए. अगर उसके परिणाम अच्छे हो तो और लोग भी सोचें.

खान ने कहा, “मैं तमाम लोगों का शुक्रगुजार हूं जिनसे मुलाकात जेल में हुई है. और उनका भी शुक्रगुजार हूं जिनसे नहीं मिल सका.” उन्होंने कहा कि मैं उनका भी शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरे बारे में अच्छी राय बनाई.

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उन्होंने कहा कि पूरे विधानसभा चुनाव में माफियाओं की लिस्ट में उन्हें पहले नंबर पर रखा गया. खान ने कहा कि वह पहले नंबर पर थे, दूसरे नंबर पर मुख्तार अंसारी का नाम था और तीसरे नंबर पर अतीक अहमद का नाम रखा गया था.

उन्होंने कहा कि आज की सरकार को हमसे इतनी घृणा की वजह क्या है, आज तक यह बात नहीं समझ आई. जब खान से पूछा गया कि क्या वह विधानसभा में इस घृणा के बारे में सीएम योगी से पूछेंगे तो उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में कम से कम जाने की कोशिश करेंगे.

जेल में बंद रहने के दौरान शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात करने और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं करने के सवाल पर खान ने बताया कि उस दौरान उनकी तबीयत ठीक नहीं थी.

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आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में उनके मामले की वकालत करने वाले कपिल सिब्बल को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि उनके पास करीब साढ़े तीन साल से कोई मोबाइल नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि वह मोबाइल चलाना भूल चुके हैं.

उन्होंने कहा, “इस वक्त मेरे लिए BJP, BSP और कांग्रेस इसलिए बहुत बड़ा सवाल नहीं है क्योंकि मुझ पर, मेरे परिवार और मेरे लोगों पर हज़ारों की तादाद में जो मुकदमें दायर किए हैं उसमें मैं कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरा अपना हाथ है. मेरे अपनो लोगों का बड़ा योगदान है. मालिक उन्हें सदबुद्धि दे.”

वहीं, जब खान से पूछा गया कि उनका नाम नेता प्रतिपक्ष में क्यों नहीं है तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्योंकि मैं उससे बड़ा नेता हूं.

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जेल से रिहा होने के बाद आजम खान बोले- ‘मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का बड़ा योगदान है’

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