यूपी में एक बार फिर होगी भाजपा और सपा की सीधी टक्कर, राज्यसभा चुनाव में BJP को लगेगा झटका!
2024 लोक सभा चुनाव से ठीक पहले राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से जुड़ी 10 सीटें खाली हो रही है, जिसमें सीटों को लेकर एक बार फिर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी लड़ाई है.
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Uttar Pradesh News : 2024 लोक सभा चुनाव से ठीक पहले राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से जुड़ी 10 सीटें खाली हो रही है, जिसमें सीटों को लेकर एक बार फिर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी लड़ाई है. हालांकि अंक गणित के हिसाब से फिलहाल के तौर पर दोनों पार्टियों सात और तीन सांसद मिलने की उम्मीद है. अधिसूचना के मुताबिक अप्रैल में ये सीटें रिक्त हो जाएंगी, जिस पर फरवरी में चुनाव होना है. फिलहाल इनमें सर्वाधिक नौ सीटें बीजेपी के पास हैं और एक सीट पर सपा के खाते में है. जिसका समीकरण इस बार बदलने जा रहा है. चुनाव प्रक्रिया को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने घोषणा कर दी है. 27 फरवरी को मतदान होना है.
बीजेपी को नुकसान तो सपा को फायदा
चुनाव का नोटिफिकेशन के जारी होते ही भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के नेताओं के हलचल पैदा होने लगी है कि किसका नंबर लगेगा और किसका पता कटेगा. इसको लेकर के चर्चाओं का दौर भी जोरों पर है. पार्टी नेताओं का मानना है कि पार्टी कई सदस्यों में बदलाव करेगी, जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अलावा संगठन और दूसरे प्रदेश से भी एक प्रत्याशी हो सकते हैं. हालांकि अंकों की गणित के हिसाब से बीजेपी को दो सीटों का नुकसान हो रहा है और सपा दो सीटों पर ज्यादा सांसद जीतने की स्थिति में नजर आ रही है.
राज्यसभा में किसकी होगी वापसी?
भारतीय जनता पार्टी इस बार नौ में से विधायकों की संख्या के आधार पर सात सीटें ही जीत पाएगी. 2022 में विधायकों की संख्या बढ़ने पर सपा को एक की जगह तीन सीटें प्राप्त हो सकती हैं. राज्यसभा में भाजपा सदस्य अनिल अग्रवाल, अशोक बाजपेयी, अनिल जैन, कांता कर्दम, सकलदीप राजभर, जीवीएल नरसिम्हा राव, विजय पाल सिंह तोमर, सुधांशु त्रिवेदी और हरनाथ सिंह यादव और उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी सदस्य जया बच्चन का कार्यकाल खत्म हो रहा है.
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सपा की बढ़ेगी सीट!
वहीं इस पर पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन सीटों के लिए भाजपा के बड़े-बड़े नेता फेहरिष्ट में हैं. माना जा रहा है कि सदन में विधायकों की स्थिति को देखते हुए इस बार भारतीय जनता पार्टी अपनी नौ में से दो सीटें बचा नहीं पाएगी. पार्टी ने पिछली बार जब यह नौ सीटें जीती थीं तो उसके करीब 325 विधायक थे. 2022 के चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के पास यह संख्या करीब पौने दो सौ की रह गई है. जिसके चलते पार्टी के पास और जरूरी आंकड़ा नहीं है. वहीं समाजवादी पार्टी अपने सहयोगी सांसद विधायकों को मिलाकर 119 पर है जिनकी मौजूदा स्थिति में तीन सांसदों की एंट्री राज्यसभा में तय मानी जा रही है.
भाजपा के खाते में आएंगी इतनी सीट
समाजवादी पार्टी की संख्या लगभग सवा सौ विधायकों तक पहुंच गई है. जिसके आधार पर कहा जाता है कि 38 सीटें बराबर एक राज्यसभा सांसद के हिसाब से समाजवादी पार्टी तीन सीटें जीतने की स्थिति में है. बची हुई सात सीटें सीधे भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाएंगी. हालांकि अगर चुनाव से पहले अंदरूनी तौर पर उठा पदक शुरू हुई और या क्रॉस वोटिंग हुई तो एक सीट को लेकर भाजपा और सपा के बीच में घमासान देखने को मिल सकता है. वही इस चुनाव में दूसरे क्रम की वार्ता वाले प्रत्याशी भी मायने रखेंगे.
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यहां समझे अंकों की गणित
राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना के मुताबिक 15 फरवरी को नामांकन की अंतिम तिथि के बाद 16 को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 20 फरवरी को नाम वापसी का दिन है. 27 फरवरी को सुबह नौ बजे से चार बजे तक मतदान होगा. इसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना होगी. इस समय विधानसभा में चार सीटें रिक्त होने के कारण 399 विधायक हैं. ऐसे में हर सीट पर जीत के लिए 37 विधायकों का वोट चाहिए. भाजपा व उसके सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 277 विधायक है तो सात सीट जीतने के लिए जरूरी 259 वोट आसानी से जुट जाएंगे.
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