आंदोलन की वजह से 3 कृषि कानून हो रहे वापस, जरूरत पड़ने पर फिर बन सकते हैं: कलराज मिश्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीन विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का एक बयान…
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीन विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का एक बयान काफी चर्चा में है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मिश्र ने 20 नवंबर को भदोही में कहा, ”कृषि कानून के बारे में किसानों को समझाने का प्रयास किया गया…लेकिन किसान आंदोलित थे और इस बात पर अड़े थे कि तीनों कानून वापस लिए जाएं. अंत में सरकार को लगा कि कानून वापस लेकर फिर दोबारा अगर इस संबंध में कानून बनाने की आवश्यकता पड़ेगी, तो वैसा किया जाएगा.”
इसके अलावा बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा है, ”तथाकथित किसानों के गठजोड़ में… उनके मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद, खालिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे लग रहे थे. मोदी जी के लिए, भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रथम राष्ट्र है, राष्ट्र सर्वोपरि है, बिल तो बनते रहते हैं, बिगड़ते रहते हैं, वापस आ जाएंगे, दोबारा बन जाएंगे, कोई देर नहीं लगती है.”
बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा था कि हो सकता है कि चुनाव के बाद ऐसा कोई कानून फिर से आ जाए.
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अखिलेश ने कहा था, ”3 कृषि कानून किसान हित में तो वापस हुए ही हैं लेकिन सरकार चुनाव से डर गई और वोट के लिए कानून वापस लिए हैं… हो सकता है कि सरकार चुनाव के बाद फिर से ऐसा कोई कानून लेकर आए. यह भरोसा कौन दिलाएगा कि भविष्य में ऐसे कानून नहीं आएंगे, जिससे किसान संकट में आए?”
कानूनों की वापसी पर क्या बोले थे पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने गुरु नानक जयंती के मौके पर 19 नवंबर को कहा था, ”मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी, जिसके कारण दिये के प्रकाश जैसा सत्य कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए हैं.’’
इसके आगे उन्होंने कहा था, ‘‘आज (19 नवंबर) गुरु नानक देव जी का पवित्र प्रकाश पर्व है. यह समय किसी को भी दोष देने का नहीं है. आज मैं आपको… पूरे देश को… यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रिपील (निरस्त) करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.’’
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