देश का मिजाज सर्वे: 'इंडिया' गठबंधन में ना जाने से मायावती को हो रहा भारी नुकसान! सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
मायावती ने इस साल के शुरुआत में ही साफ कर दिया था कि वह लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी. 2024 के लिए यूपी में सपा, कांग्रेस और रालोद I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा हैं.
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Lok Sabha Election 2024 : 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी हलचल तेज हो गई है. वहीं, बात अगर 80 लोकसभा सीट वाले राज्य उत्तर प्रदेश की करें तो यहां सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लेकर समूचा विपक्ष अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गया है. उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में दो बड़े गठबंधन में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. एक तरफ भाजपा गठबंधन वाली NDA है तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों की 'इंडिया' गठबंधन है. वहीं यूपी में इन दोनों गठबंधन में बसपा चीफ मायावती शामिल नहीं हैं वो लोकसभा के चुनावी रण में एकला चलो का नारा दिया है.
सामने सर्वे के आए आंकड़े
लोकसभा चुनाव के आहत के बीच उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल जानने के लिए इंडिया टुडे (India Today) और C वोटर्स के मूड ऑफ द नेशन (Mood Of The Nation Survey) सर्वे के आंकड़े सामने आए हैं. ये सर्वे 15 दिसंबर 2023 से लेकर 28 जनवरी 2024 के बीच किया गया है. बता दें कि इस सर्वे में बहुजन समाज पार्टी को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
क्या है यूपी की स्थिति?
सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, अगर आज उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव हुए तो एनडीए यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 72 सीटों पर जीत सकता है. दूसरी तरफ विपक्षी 'INDIA' को लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. विपक्षी गठबंधन को 8 सीटे मिलती हुई दिखाई दे रही हैं. इनमें कांग्रेस को 1 सीट तो वहीं सपा+ को 7 सीटे मिलने की उम्मीद है. सर्वे में सबसे बड़ा झटका मायावती की बहुजन समाज पार्टी को लगा है. सर्वे के अनुसार, बसपा का यूपी में खाता भी नहीं खुलने जा रहा है. सर्वे में बसपा को शून्य (0) सीटें मिलती नजर आ रही हैं.
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किसे मिलेगा कितना वोट शेयर?
सर्वे के मुताबिक, भाजपा को 52.1%, कांग्रेस को 5.5%, सपा को 30.1%, बसपा को 8.4%, और अन्य को 3.9% वोट मिल सकता है. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव मे बीजेपी और अपना दल (एस) एक साथ मिलकर लड़े थे और एनडीए का 51.19 प्रतिशत वोट शेयर रहा था. जिसमें बीजेपी के खाते में 49.98 प्रतिशत और अपना दल (एस) को 1.21 प्रतिशत वोट शेयर मिला था. वहीं महगठबंधन (बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल) को 39.23 प्रतिशत वोट शेयर मिला था. जिसमें बसपा को 19.43 प्रतिशत, सपा को 18.11 प्रतिशत और रालोद को 1.69 प्रतिशत वोट मिला था. इसके अलावा कांग्रेस को इस चुनाव में 6.36 वोट शेयर मिला था.
बसपा को होगा नुकसान!
बता दें कि मायावती ने इस साल के शुरुआत में ही साफ कर दिया था कि वह लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए यूपी में सपा, कांग्रेस और रालोद I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा हैं. वहीं एनडीए में बीजेपी के साथ अपना दल (एस), सुभासपा और निषाद पार्टी हैं. वहीं पिछले चुनाव की बात करें तो साल 2019 में भी उत्तर प्रदेश में मोदी लहर चली थी. इस दौरान एनडीए ने कुल 64 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. अखिलेश और मायावती का सपा-बसपा गठबंधन था. तब बसपा को 10 तो वहीं सपा को 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस ने सिर्फ रायबरेली लोकसभा सीट पर ही जीत मिली थी. वहीं ताजा सर्वे आंकड़े सच साबित होते हैं तो 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा को बड़ा नुकसान होने जा रहा है.
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मायावती के अकेले चुनाव लड़ने से किसको फायदा
वहीं यूपी Tak के सहयोगी न्यूज Tak की साप्ताहिक सभा में दलित चिंतक और प्रोफेसर बद्री नारायण ने मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले और उसके नफे-नुकसान पर लंबी बातचीत की थी. उन्होंने बताया था कि, 'बसपा को लेकर मेरी जो समझ है कि, कांशीराम के जमाने से ही पार्टी का किसी दल के साथ गठबंधन करने में उतना विश्वास नहीं रहा है.हालांकि वे अलायंस के साथ गए हैं, लेकिन उन्हें उतना अच्छा रिस्पांस नहीं मिला है. उसके बाद भी वो अलायंस की बात करते थे, लेकिन वो अलायंस किसी राजनैतिक दल के बजाय समाज के विभिन्न वर्गों के साथ करने की होती है. बीएसपी समाज के विभिन्न वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर अलायंस बनाती रही है और वर्तमान में भी पार्टी की यही रणनीति है. हालांकि हाल के समय में उनके वोट बैंक में आई कमी ने उनके लिए थोड़ी असहज स्थिति जरूर पैदा की है.'
(नोट: सीटों का अनुमान सर्वे पर आधारित हैं, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के परिणाम इस सर्वे के आंकड़ों से अलग भी हो सकते हैं.)
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