एक्सक्लूसिव: सत्यपाल मलिक ने बताया, UP चुनाव में BJP को कहां और क्यों हो सकता है नुकसान

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मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक इन दिनों काफी चर्चा में हैं. जम्मू-कश्मीर और किसान आंदोलनों को लेकर सत्यपाल मलिक ने पिछले दिनों ऐसे कुछ बयान दिए जिनसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ही मुश्किलें बढ़ती नजर आईं. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर किसानों की मांग नहीं मानी गई तो मोदी सरकार दोबारा नहीं आएगी. इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने सत्यपाल मलिक संग विभिन्न मुद्दों को लेकर खास बातचीत की. पेश हैं बातचीत के संक्षिप्त और संपादित अंश:

किसान आंदोलनों को 100 फीसदी सही ठहरा पीएम मोदी को दिया यह संदेश

इंडिया टुडे संग बातचीत में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और वर्तमान समय में मेघालय राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलनों को 100 फीसदी सही ठहराया है. सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘हमने चौधरी चरण सिंह, लोहिया से यही सीखा है कि अपने वर्ग के हितों के साथ कोई समझौता मत करो. मैं उन्हीं के बीच में पैदा हुआ हूं, मैंने उनकी तकलीफ देखी है, झेली है. मैं उनकी तकलीफों को सिरे से जानता हूं. आपको हैरत होगी कि जब मोदीजी जी सीएम थे तब वह खुद इस राय को मानते थे कि एमएसपी होनी चाहिए. किसानों की मांग नाजायज कहीं नहीं है.’

सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि ‘किसान आंदोलन को साल भर के करीब होने को आए. उनके 600 लोग मर चुके हैं. एक कुतिया भी मरती है तो आप संवेदना भेजते हो और उनको नोटिस भी नहीं कर रहे. यह मुझे अन्यायपूर्ण लग रहा है.’

सत्यपाल मलिक से पूछा गया कि क्या आप एक संवैधानिक पद पर होकर सरकार को ही चुनौती दे रहे हैं कि वह किसानों की समस्या को एड्रेस नहीं कर रही है? इसके जवाब में मेघालय राज्यपाल ने कहा, ‘मैं सरकार को चुनौती नहीं दे रहा हूं, सलाह दे रहा हूं. अगर सरकार को लगे तो बोले मैं बोलना छोड़ दूंगा. मेरे बोलने से आज उनको फायदा है.’

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सत्यपाल मलिक ने बताया कि यूपी के चुनाव में बीजेपी को कैसे होगा नुकसान

सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलनों के संबंध में एक बार फिर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि आज स्थिति है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के गांवों में बीजेपी नेता जा नहीं सकते. उन्होंने कहा कि आगामी यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी को पश्चिमी यूपी में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह नुकसान विधानसभा चुनावों से ज्यादा लोकसभा चुनावों में उठाना पड़ सकता है.

क्या सत्यपाल मलिक किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता करेंगे?

मध्यस्थता के सवाल पर मेघालय राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि, ‘मुझे कहा नहीं गया पर मैं कर सकता हूं. अगर सरकार बस एक बात मान ले कि एमएसपी को लीगलाइज कर लें तो किसान मान जाएंगे.’ सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि किसानों का आंदोलन तो 100 फीसदी जायज है. आंदोलन में कोई हिंसा नहीं है. लाल किले की हिंसा या कथित तौर पर आंदोलन साइट पर हुई हत्या के संबंध में सत्यपाल मलिक ने कहा कि उसके पीछे निहंग थे, आंदोलनकारी नहीं.

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सत्यपाल मलिक ने यह भी दावा किया कि यह समझना भूल होगी कि किसानों का आंदोलन सिर्फ पंजाब, हरियाणा या वेस्टर्न यूपी तक है. उन्होंने बताया कि मेघालय और नॉर्थ ईस्ट में भी आंदोलन हो रहे हैं. उन्होंने किसान आंदोलनों पर खालिस्तानी टैग लगाने पर भी अपना विरोध जताया. उन्होंने कहा कि आप चाहे अंडमान जेल में जाकर देखो चाहे कहीं, आजादी के आंदोलन में सबसे ज्यादा कुर्बानी किसानों ने दी है.

सत्यपाल मलिक के इस पूरे एक्सक्लूसिव इंटरव्यू को यहां नीचे विस्तार से देखा जा सकता है.

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