मायावती के इस कदम से यूपी उपचुनाव की जंग हुई बेहद दिलचस्प, सपा-भाजपा ने भी कसी कमर
UP Assembly Byelection 2024 : उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को सूबे की राजनीति में एक काफी हलचल देखते को मिल रही है.
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UP Assembly Byelection 2024 : उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को सूबे की राजनीति में एक काफी हलचल देखते को मिल रही है. लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले इस उपचुनाव को यूपी चुनाव 2027 का सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. एक तरफ सपा और भाजपा ने इसके लिए अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं तो दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो अपनी पार्टी की कुंद हो चुकी धार को तेज करने में जुट गईं हैं.
रविवार को आयोजित बसपा की बैठक में यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, निकट भविष्य में राज्य की 10 रिक्त विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में उनकी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी और पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगी.
कुंद हो चुके धार को तेज करने में जुटी मायावती
यूपी में होने वाले उपचुनाव को लेकर रविवार यानी 11 अगस्त लखनऊ में बसपा प्रमुख ने बड़ी बैठक की. इस बैठक में पार्टी के सभी बड़े नेताओं और संगठन के लोगों को बुलाया गया. इस बैठक में मायावती ने अपने नेताओं को अहम दिशा-निर्देश दिए तो वहीं उपचुनाव को लेकर भी रणनीति बनाई गई. इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, बीएसपी गरीबों, शोषितों और पीड़ितों की पार्टी है. बसपा दूसरी पार्टियों की तरह बड़े-बड़े धन्नासेठों और कारोबारियों के इशारों पर चलने वाली पार्टी नहीं है. इसलिए बसपा के अनुयायी तन-मन-धन से अपने सहयोग में कमी ना लाए तो ये पार्टी और हमारे मिशन के लिए अच्छा होगा.
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सपा ने भी कसी कमर
बता दें कि राज्य में 2022 के विधानसभा चुनाव में कुल 403 सीटों में मात्र एक सीट और लोकसभा चुनाव में पूरी तरह सफाया होने के बाद बसपा की उम्मीदें उपचुनावों पर टिकी हैं. वहीं लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली समाजवादी पार्टी ने भी उपचुनाव में उस प्रदर्शन तो दोहरान के लिए अपनी कमर कसती हुई नजर आ रही है. पिछले महीने उपचुनाव को लेकर लखनऊ में सपा कार्यलय पर पार्टी के सभी पधाधिकारियों की बैठक भी हुई थी. ऐसा कहा जा रहा है उपचुनाव में कुछ सीटों जैसे - करहल, सिसामऊ के लिए प्रत्याशी ने नाम भी फाइनल कर लिए गए हैं.
खोई जमीन वापस पाने को बेताब बीजेपी
2024 के चुनाव में लगे झटके के बाद भारतीय जनता पार्टी भी अपनी खोई हुई जमीन पाने को बेताब दिख रही है. कुछ दिनों पहले लखनऊ में सीएम आवास पर मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री उपचुनाव की तैयारियों की एक मीटिंग में शामिल हुए थे. मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री को दो-दो विधानसभाओं की जिम्मेदारी दी गई है.
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यूपी की 10 सीटों पर विधानसभा चुनाव होना है. इसमें कानपुर के सीसामऊ की सीट समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को सजा सुनाए जाने के बाद खाली हुई है. इसके अलावा 9 सीटों के विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद उपचुनाव हो रहा है. इनमें से 5 सीटें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी अभी तक समाजवादी पार्टी के पास थीं. इसके अलावा खैर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट बीजेपी के पास तो मझवा निषाद पार्टी और मीरापुर रालोद के पास थी.
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