अखिलेश ने 7 सीटें दीं, लेकिन RLD का 'दिल मांगे मोर', जयंत चौधरी के मन में चल क्या रहा?
अखिलेश यादव ने पिछले दिनों यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 7 जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और 11 कांग्रेस को देने का ऐलान किया. पर कांग्रेस और जयंत चौधरी, दोनों की तरफ से ऐसा रिएक्शन सामने आया है, जो इशारा कर रहा है कि ऑल इज नॉट वेल. कांग्रेस और आरएलडी, दोनों दलों की आकांक्षाएं और ज्यादा सीटों को लेकर हिलोरे मारती नजर आ रही हैं.
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बीते हफ्ते में देश की सियासत ने कई बड़ी घटनाएं देख लीं. कभी विपक्ष के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) के सूत्रधार समझे गए बिहार सीएम नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया है. जिस भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 10 दिनों पहले वह देश में हराने की बात किया करते थे, आज उसी के समर्थन से बिहार में उन्होंने सरकार बना ली है. इस सियासी बदलाव के बीच उत्तर प्रदेश की ओर सबकी नजरें हैं कि अब यहां INDIA गठबंधन का क्या होगा. अखिलेश यादव ने पिछले दिनों यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 7 जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और 11 कांग्रेस को देने का ऐलान किया. पर कांग्रेस और जयंत चौधरी, दोनों की तरफ से ऐसा रिएक्शन सामने आया है, जो इशारा कर रहा है कि ऑल इज नॉट वेल. कांग्रेस और आरएलडी, दोनों दलों की आकांक्षाएं और ज्यादा सीटों को लेकर हिलोरे मारती नजर आ रही हैं.
आरएलडी के प्रवक्ता अनिल दुबे ने इस संबंध में यूपी Tak से खास बातचीत की है. पहले तो उन्होंने बिहार प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने जनता के साथ विश्वासघात किया. अनिल दुबे ने कहा कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन के लोग बड़ा नेता बनाना चाहते थे, लेकिन वह फिर बिहार तक सीमित हो गए.
अखिलेश की ओर से कांग्रेस के लिए 11 सीटों के ऐलान के संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा कि ये कांग्रेस को तय करना है कि क्या करेगी. आरएलडी प्रवक्ता ने आगे कहा, 'ये इंडिया गठबंधन में पहले ही तय हुआ था कि जहां जो दल जीतने की स्थिति में होगा, वही वहां पर लड़े. सिर्फ लड़ने के लिए सीटें न ली जाएं. गठबंधन के लोग सर्वे कर रहे हैं कि जो दल जहां प्रभावशाली हो वहां लड़े.'
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आरएलडी 7 के बाद दो और सीटें मांग रही है?
आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे से सवाल किया गया कि अखिलेश ने उनकी पार्टी को 7 सीटें दी हैं और अब चर्चा है कि 2 सीटें और मांगी जा रही हैं. इसपर अनिल दुबे ने कहा, 'हमारा उनका 7 सीटों पर समझौता तय हो गया है. हम उनपर काम कर रहे हैं. हमारा उनका (अखिलेश का) सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है और न यह संख्या अंतिम है. अगर हम कहीं जीतने की स्थिति में हैं और इंडिया गठबंधन इसे मानता है कि आरएलडी उस सीट पर लड़ सकता है, तो हमें आपत्ति थोड़े न है. उद्देश्य इंडिया गठबंधन में सभी का है कि सीटें जीती जाएं. अगर इंडिया गठबंधन को लगता है कि आरएलडी 7 सीटों से अधिक लड़े तो हमें कोई दिक्कत नहीं है.'
उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी में आरएलडी को लेकर माहौल है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के कार्यक्रम में भीड़ बता रही है कि हम पश्चिमी यूपी में मजबूत हैं. उन्होंने कहा कि सीटों पर अगर गठबंधन की राय होगी, तो इसकी कोई सीमा बंद नहीं हुई है, खुली हुई है.
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इन सबपर सपा का क्या है रुख?
यूपी Tak ने उत्तर प्रदेश के सियासी डेवलपमेंट पर समाजवादी पार्टी का रुख भी जानना चाहा. हमने सपा प्रवक्ता जूही सिंह से बात की. उन्होंने नीतीश प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'कोई अगर अपनी व्यक्तिगत महत्वकांक्षा के लिए कहीं और जाना चाहता है तो वह यह नहीं कह सकता की मुझे तवज्जो नहीं मिली, यह धोखा है समाजवादी विचारधारा का, नीतीश कुमार ने अपना सम्मान खो दिया है.'
जूही सिंह ने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लिया. सपा प्रवक्ता ने कहा, 'कांग्रेस ने सीट शेयरिंग में देरी की है और ये देरी जारी है. अगर कहीं सपा के विधायक जीते हैं तो हम वह सीट मांगेंगे ही. कांग्रेस के साथ एमपी में हमारा अनुभव अच्छा नहीं रहा है. कांग्रेस के शीर्ष शीर्ष नेतृत्व को अखिलेश यादव के साथ बैठना पड़ेगा.' जूही सिंह ने कहा कि अखिलेश और जयंत के अच्छे रिश्ते हैं जो भी बात होगी वह आपस में कर रहे होंगे, अगर आरएलडी कहीं मजबूत होगी तो जरूर सोचा जाएगा.
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