यूपी में सपा-कांग्रेस के साथ आने से भाजपा की बढ़ेगी मुश्किल! इन सीटों पर पलट जाएगा खेल
अखिलेश यादव ने जिन 16 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से कुछ ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस और सपा के साथ आने से भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है.
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Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. जहां सभी दलों में प्रत्याशियों को लेकर मंथन चल रहा है, वहीं सपा ने इसकी पहल करते हुए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. सपा ने यूपी की 16 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. अखिलेश यादव ने जिन 16 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से कुछ ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस और सपा के साथ आने से भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है.
2024 में पलट सकता है खेल
बांदा और बदायूं में हुए पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां सपा और कांग्रेस के साथ आ जानें के बाद भाजपा के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है. बता दें कि ये दोनों सीट फिलहाल भाजपा के ही पास है. सपा ने बांदा-चित्रकूट संसदीय क्षेत्र से शिव शंकर सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिसके बाद उन्होंने चुनाव की तैयारी तेज़ कर दी है. वहीं सपा ने बदायूं लोकसभा सीट से धमेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. बता दें कि बदायूं लोकसभा सीट से धमेंद्र यादव सांसद रह चुके हैं.
इन्हें मिली थी जीत
2019 में जब सपा और बसपा का गठबंधन हो गया था, तब बदायूं की सीट मजबूत मानी जा रही थी, तभी बीजेपी ने स्वामी प्रसाद यादव की बेटी संघमित्रा मौर्या को टिकट दे दिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा का कोर वोट को बीजेपी की तरफ मोड़ दिया और अतिआत्मविश्वास के चलते धर्मेंद्र यादव को हार का मुंह देखना पड़ा. संघमित्रा मौरया ने 18000 वोटों से जीत दर्ज कर बीजेपी का 28 साल का सूखा खत्म कर बदायूं में सपा का किला ध्वस्त किया.वहीं बांदा में 2019 में स्व श्यामाचरण गुप्ता सपा से चुनाव मैदान में थे, लेकिन दल बदल कर भाजपा में गए आरके पटेल ने उन्हें लगभग 50 हजार वोट से हराया था.
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भाजपा के लिए होगी मुश्किल!
- बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बांदा से भाजपा के आरके पटेल ने जीत हासिल की थी. आरके पटेल ने 4 लाख 77 हजार 926 वोट हासिल किए थे. दूसरे नंबर पर सपा के श्याम चरण गुप्ता थे जिन्होंने 4 लाख 18 हजार 988 वोट हासिल किए थे. वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के बाल कुँवर पटेल थे जिन्हें 75 हजार 438 वोट मिले थे. अगर 2019 के आंकड़ों को देखा जाए तो कांग्रेस और सपा के एक साथ आने बाद ये बांदा में भाजपा को मुश्किल हो सकती है.
- वहीं बदायूं लोकसभा सीट की बात करें तो 2019 के चुनाव परिणाम में भाजपा की संघ मित्र मौर्य ने बाजी मारी थी. उन्होंने 5 लाख 11 हजार 352 वोट हासिल किए थे. दूसरे नंबर पर सपा के धर्मेंद्र यादव थे, जिन्हें 4 लाख 92 हजार 898 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सलीम इकबाल शेरवानी थे जिन्हें 51 हजार 947 वोट मिले थे. इस सीट पर 2019 के आकड़ों को देखे तो सपा और कांग्रेस मिलकर खेल पलट सकते हैं.
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