UP इलेक्शन: VRS ले चुके राजेश्वर सिंह BJP के टिकट पर कहां से लड़ सकते हैं चुनाव? जानें

संतोष शर्मा

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कानपुर पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण के बाद उत्तर प्रदेश के एक और पुलिस अफसर रहे राजेश्वर सिंह अपनी राजनीतिक पारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ खेल सकते हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में जॉइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह का वीआरएस मंजूर हो गया है. चर्चा है राजेश्वर सिंह को बीजेपी सुल्तानपुर (सदर) सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है.

1997 बैच के उत्तर प्रदेश पुलिस सर्विस के अफसर राजेश्वर सिंह बीते 14 सालों से भले ही यूपी पुलिस का हिस्सा ना रहे हों, लेकिन यूपी में राजेश्वर सिंह की चर्चा हमेशा रही है. यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी रहे राजेश्वर सिंह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट में शुमार किए जाते थे. शातिर अपराधी हो, गैंगस्टर हो, सुपारी किलर हो या किडनैपर, राजेश्वर जिस जिले में रहे वहां अपराधियों के लिए ‘पलायन ही आखिरी रास्ता’ हुआ करता था.

2007 में राजेश्वर सिंह प्रतिनियुक्ति पर इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) गए तो, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील से लेकर नोएडा पोजी स्कैम, 2G स्पेक्ट्रम स्कैम जैसे चर्चित मामलों की जांच की और राजनीति और नौकरशाही के तमाम बड़े घोटालों को उजागर किया. यही वजह थी कि प्रतिनियुक्ति के 7 साल बाद 2014 में राजेश्वर सिंह को प्रवर्तन निदेशालय में पूर्णतया समायोजित कर लिया गया.

आपको बता दें कि राजेश्वर सिंह मूल रूप सुल्तानपुर के रहने वाले हैं. राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह लखनऊ रेंज की आईजी हैं. बहनोई राजीव कृष्णा आगरा जोन के एडीजी हैं और उनकी एक बहन आभा सिंह पोस्टल सर्विसेज में अफसर रही हैं.

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राजेश्वर सिंह ने अपनी नौकरी से रिटायरमेंट के 11 साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है. नौकरशाही की ‘शानदार’ पारी खेलने के बाद राजेश्वर सिंह अब राजनीति की पारी खेलने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि राजेश्वर सिंह बीजेपी जॉइन कर चुनाव लड़ेंगे. राजेश्वर सिंह ने जब वीआरएस के लिए अप्लाई किया, तब चर्चा हुई कि वो गाजियाबाद के साहिबाबाद सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बीजेपी ने साहिबाबाद से मौजूदा विधायक सुनील कुमार शर्मा को ही टिकट दिया है. अब चर्चा है कि वह अपने गृह जनपद सुल्तानपुर सदर से चुनाव लड़ सकते हैं.

मौजूदा समय में सुल्तानपुर सदर सीट बीजेपी के खाते में है. विधायक सीताराम वर्मा हैं. सामाजिक ताने-बाने की बात करें तो इस सीट पर अनुसूचित जाति का बड़ा वोट बैंक है. लगभग 74000 मतदाता अनुसूचित जाति के हैं, 68000 ब्राह्मण, 45000 मुस्लिम, 44000 कुर्मी, 35000 क्षत्रिय, 32000 यादव और 40000 के आसपास अन्य जातियों के मतदाता हैं. जातिगत वोट बैंक के आधार पर अनुसूचित जाति के प्रत्याशी का ही यहां दबदबा रहा है.

इस जातिगत गणित को देखते हुए चर्चा यह भी है कि बीजेपी राजेश्वर सिंह को लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से भी चुनाव लड़ा सकती है. मौजूदा समय में सरोजिनी नगर सीट में यूपी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह दोनों ही दावेदार हैं.

ऐसे में किसी तीसरे व्यक्ति को टिकट देकर पार्टी ना सिर्फ पति-पत्नी की दावेदारी को दरकिनार कर सकती है, बल्कि सरोजिनी नगर के क्षत्रिय बाहुल्य वोट बैंक से इस सीट पर कब्जा भी बरकरार रखने की कोशिश कर सकती है.

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