गहलोत की तारीफ कर योगी सरकार को घेर रहे जयंत, बात बस इतनी है या सियासत है कुछ और, समझिए

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UP Political News: राजस्‍थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए हर महीने 100 यूनिट फ्री और 200 यूनिट तक कोई भी चार्ज ना लगाने की घोषणा की है. इससे राज्‍य में 100 यूनिट प्रति माह तक बिजली उपभोग करने वालों का बिजली बिल शून्य आएगा. राजस्थान सरकार की इस घोषणा पर राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के मुखिया जयंत चौधरी ने गहलोत सरकार के इस फैसले की जमकर तारीफ की है और साथ ही यूपी की योगी सरकार को निशाने पर पर ले लिया है.

जयंत ने कही ये बात

जयंत चौधरी ने सीएम गहलोत के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा, “यह कदम निचले हिस्से को सीधी राहत प्रदान करेगा! यूपी सरकार को कम आय और मध्यम आय वाले परिवारों के बिजली उपभोक्ताओं को भी राहत देनी चाहिए.”

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क्यों की जयंत ने तारीफ?

जयंत द्वारा की गई तारीफ के बाद सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि जयंत ने गहलोत सरकार की यूं ही नहीं तारीफ की है, बल्कि इसके पीछे सियासत और सोची समझी रणनीति है. दरअसल, ऐसी चर्चा है कि जयंत चाहते हैं कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस को शामिल कर लिया जाए. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि जयंत और आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद कांग्रेस की लीडरशिप से मिल भी चुके हैं. वहीं, आपको बताते चले कि दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में RLD शामिल है. भरतपुर से RLD विधायक सुभाष गर्ग कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं.

जयंत बढ़ा रहे अखिलेश पर दबाव?

दरअसल, पिछले दिनों सपा चीफ अखिलेश यादव ने अपने इंटरव्यू में साफ किया था 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करना उनकी भूल थी. और अब वह कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे. बता दें कि 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव सपा ने RLD के साथ मिलकर लड़ा था और तब से लेकर अब तक दोनों पार्टियों का साथ बरकरार है. ऐसे में जयंत की कांग्रेस के साथ जाने की खबरों से सपा पर दबाव बन सकता है. चर्चा है कि अखिलेश नहीं चाहेंगे कि लोकसभा चुनाव से पहले उनका RLD से नाता टूटे, क्योंकि जयंत की पार्टी की पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर पकड़ है. वहीं, जयंत और बिहार के सीएम नीतीश कुमार दोनों ही कांग्रेस के साथ जाने के लिए इंटरेस्टेड नजर आ रहे हैं.

अब आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले अगर जयंत चौधरी कांग्रेस के साथ जाते हैं तो क्या अखिलेश भी इस गठबंधन में शामिल होंगे या नहीं?

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