सर्वे: क्या चुनाव पर पड़ेगा कृषि कानून वापसी का असर? सरकार के फैसले पर क्या है जनता की राय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 19 नवंबर को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के ऐलान के बाद सोशल मीडिया से लेकर…
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 19 नवंबर को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के ऐलान के बाद सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक यह मुद्दा लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बीच कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. मसलन क्या इस फैसले का आगामी विधानसभा चुनावों पर कोई असर पड़ेगा? जनता कृषि कानूनों को वापस लेने का केंद्र सरकार का फैसला सही मान रही है या गलत?
ऐसे तमाम सवालों के बीच एबीपी न्यूज सीवोटर के एक सर्वे के आंकड़े सामने आए हैं. चलिए देखते हैं कि अलग-अलग सवालों पर इस सर्वे का हिस्सा बने लोगों की क्या राय है.
क्या कृषि कानून वापस लेने के फैसले का चुनाव पर असर पड़ेगा?
सर्वे के मुताबिक, 55 फीसदी लोगों का मानना है कि कृषि कानून वापसी के फैसले का आने वाले चुनावों पर असर पड़ेगा. हालांकि 31 फीसदी लोगों ने कहा कि इस फैसले का आगामी चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वहीं, ‘कह नहीं सकते’ की श्रेणी में 14 फीसदी लोग शामिल हैं.
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बता दें कि तमाम सियासी पहलुओं के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव भी कृषि कानून वापस लेने के फैसले की बड़ी वजह माना जा रहा है.
कृषि कानून वापस लेने का फैसला कर पीएम मोदी ने सही किया?
सर्वे के आंकड़ों से सामने आया है कि 52 फीसदी लोगों का मानना है कि कृषि कानून वापस लेने का फैसला कर पीएम मोदी ने सही किया. वहीं 31 फीसदी लोग सोचते हैं कि यह फैसला सही नहीं है. इस सवाल के जवाब में 17 फीसदी लोग का जवाब ‘कह नहीं सकते’ रहा.
कृषि कानून वापस लेने का श्रेय किसे जाना चाहिए?
सर्वे के आंकड़े कहते हैं कि 41 फीसदी लोगों का मानना है कि कृषि कानून वापस लेने का श्रेय सरकार को जाना चाहिए, वहीं 37 फीसदी इसका श्रेय किसानों को, जबकि 22 फीसदी लोग विपक्ष को देते हैं.
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एबीपी न्यूज के मुताबिक, इस स्नैप पोल सर्वे में 2 हजार 596 लोगों ने हिस्सा लिया है.
पीएम मोदी ने क्या ऐलान किया था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के मौके पर 19 नवंबर को कहा था, ”मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी, जिसके कारण दिये के प्रकाश जैसा सत्य कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए हैं.’’
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उन्होंने कहा था, ‘‘आज (19 नवंबर को) गुरु नानक देव जी का पवित्र प्रकाश पर्व है. यह समय किसी को भी दोष देने का नहीं है. आज मैं आपको… पूरे देश को… यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रिपील (निरस्त) करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.’’
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