दिग्विजय ने सपा के लिए 4 सीटें छोड़ने की दी थी सलाह! MP में अखिलेश के लिए अब भी संभावनाएं?

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MP में अखिलेश के लिए अब भी संभावनाएं?
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Akhilesh Yadav news: मध्य प्रदेश चुनाव में क्या अखिलेश यादव और कांग्रेस के लिए गठबंधन के विकल्प अब भी खुले हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि पिछले दिनों एमपी में सीट शेयरिंग को लेकर अखिलेश की नाराजगी के बीच अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का बयान सामने आया है. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के लिए चार सीटें छोड़ने का सुझाव प्रदेश कांग्रेस चीफ कमलनाथ को दिया था. दिग्विजय सिंह ने साथ ही अखिलेश यादव की तारीफ भी की है.

चर्चाएं इस बात को लेकर भी तेज हैं कि एमपी में अभी सपा और कांग्रेस के बीच बात पूरी तरह से बिगड़ी नहीं है. आपको बता दें कि पिछले दिनों अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर INDIA अलायंस का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया था. अखिलेश ने कहा था कि मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर सपा के साथ बातचीत की गई, प्रस्ताव मांगे गए लेकिन गठबंधन नहीं किया गया. अखिलेश ने बिफर कर यहां तक कह दिया था कि अगर उन्हें पता होता कि राज्यों में गठबंधन की बात नहीं है, तो सपा कांग्रेस संग बैठक करने नहीं जाती.

इसके बाद यूपी में कांग्रेस और सपा के नेताओं के एक दूसरे पर तीखे कमेंट सामने आने लगे. हालांकि बाद में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप के हस्तक्षेप के बाद अखिलेश यादव के सुर भी नरम हुए और उन्होंने अपने नेताओं को संयम बरतने की ताकीद भी दी.

उधर दिग्विजय सिंह ने क्या-क्या कहा

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ पूरी ईमानदारी के साथ सपा संग गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन दोनों दलों के बीच पता नहीं बातचीत कैसे पटरी से उतर गई. दिग्विजय सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके नेतृत्व के गुणों को लेकर सराहा है. साथ ही कमलनाथ की अखिलेश-वखिलेश वाली टिप्पणी से भी अपनी असहमति जताई है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ताना झगड़े होते रहते हैं, लेकिन मैं जानता हू्ं कि सपा और अखिलेश कभी भी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे.

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दिग्विजय सिंह ने कहा कि 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई थी. दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘कमलनाथ ने दीप नारायण यादव के नेतृत्व वाले सपा नेताओं के साथ चर्चा के लिए कांग्रेस नेता अशोक सिंह को मेरे पास भेजा था. इस कमरे में (भोपाल में उनके निवास पर) हमारी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि सपा एक सीट बिजावर (2018 के चुनावों में) बुंदेलखंड क्षेत्र में जीती थी और दो अन्य सीटों पर वह दूसरे स्थान पर थी. सपा छह सीटें चाहती थी, और मैंने कमलनाथ को सपा के लिए चार सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था.’

उन्होंने कहा कि बाद में मामला कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास गया, लेकिन उन्होंने (सपा के साथ गठबंधन) का मुद्दा राज्य नेतृत्व पर छोड़ दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि यह बातचीत (मध्य प्रदेश में गठबंधन की) कहां पटरी से उतर गई.’ लेकिन जहां तक कमलनाथ का सवाल है, मैं कह सकता हूं कि वह पूरी ईमानदारी के साथ सपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे.’’ आपको बता दें कि सपा ने एमपी में दो दर्जन से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है.

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