100 दिन बाद रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए CM योगी मंत्रियों-विभागों को दिए ये टारगेट

शिल्पी सेन

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यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत पाकर दोबारा सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और दोबारा यूपी के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ के लिए शुरुआती 100 दिन अहम हैं. ऐसे में 100 दिन के एक्शन प्लान का खांका खींचने के लिए मंगलवार को सीएम योगी ने अपने मंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक में इस बात के लिए निर्देश दिए गए कि 100 दिन में ही हर विभाग को कुछ बातों कर अमल करना होगा. इसके लिए न सिर्फ प्राथमिकताएं तय करनी होंगी, बल्कि वायदे को हकीकत में बदलने के लिए रास्ता बनाना होगा. यानि योजना बनाने से लेकर क्रियान्वयन तक पर अब सीएम योगी की कड़ी नजर रहेगी.

बैठक में हुई छुट्टा जानवरों की समस्या पर चर्चा

बैठक में छुट्टा जानवरों की समस्या की बात भी हुई. यूपी चुनाव में ये एक अहम मुद्दा बन कर उभरा था. इस बात को लेकर बीजेपी न सिर्फ सियासी विरोधियों के निशाने पर थी, बल्कि लोगों ने भी इसको लेकर अपनी समस्या जाहिर की थी. यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी छुट्टा जानवरों की समस्या की बात करते हुए आगे बढ़कर लोगों को आश्वासन देना पड़ा था.

अब बारी पीएम मोदी के इस भरोसे को सही साबित करने की है. सीएम योगी और उनकी टीम के लिए ये एक बड़ी चुनौती है. पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह कहते हैं, “ये बड़ी चुनौती है, लेकिन इसकी शुरुआत हो जाएगी. इसके लिए मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं.”

दरअसल बीजेपी के संकल्प पत्र को देखें तो गरीब किसान को लेकर जो वायदे किए गए हैं, उनको प्राथमिकता में शामिल किया जाएगा. सरकार की कोशिश है वायदों को साकार करने की पहल शुरू होनी चाहिए, जिससे 100 दिन के रिपोर्ट कार्ड में सरकार अपनी कुछ बातों को लोगों के सामने रख सके.

पंचायती राज विभाग में पहले से चल रही कई योजनाओं को 100 दिन के अंदर और तेज किया जाएगा, तो ग्राम विकास विभाग में विकास को हकीकत में बदलने की शुरुआत की जाएगी. सरकार का लक्ष्य ये है कि भले ही 100 दिन वायदे पूरे करने के लिए नाकाफी हों, पर ये काम होते हुए दिखें.

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बेसिक शिक्षा मंत्री (राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का कहना है कि पूरे दो साल से कोविड की वजह से परिषदीय विद्यालय बंद थे. अब खुले हैं तो यूनिफॉर्म, किताबें देना बच्चों को स्कूल तक लाना चुनौती है. इस काम को किया जाएगा.” वहीं, आबकारी विभाग को अभियान चलाकर जहरीली शराब और अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

मंत्रियों की कार्यशैली बदलने की शुरुआत

बैठक में एक अहम फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि आगे से खुद मंत्री ही अपने विभागों की प्रेजेंटेशन करेंगे. अधिकारी सहायता के लिए भले ही रहें पर मंत्रियों को खुद योजना और योजना को लागू करने का रोड मैप बताना होगा.

केंद्र में मोदी सरकार की तर्ज पर अब मंत्रियों की कार्यक्षमता में भी इजाफा करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहल की है. विभागों के आधार पर 10 भागों में बांटा गया गया है, तो 12 अप्रैल से विभागों की अलग-अलग प्रेजेंटेशन शुरू होगी, जिसे मुख्यमंत्री देखेंगे. 100 दिन बाद सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी.

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