मायावती ने बनाया चुनावी समीकरण! बोलीं- ‘SC-ST-OBC और मुस्लिम भाईचारे के गठजोड़ के बल पर..’

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बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) आज अपना 67वां जन्मदिन ‘जन कल्याण दिवस’ के तौर पर मना रही हैं. इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस वार्ता आयोजित की. इस दौरान बसपा प्रमुख ने कई राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की.

इस दौरान मायावती ने अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज को संदेश देने की कोशिश की. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हम एससी-एसटी-ओबीसी और मुस्लिम समाज के भाईचारे के गठजोड़ के बल पर चुनाव जीतेंगे. मायावती ने कहा, “बसपा सेठों की पार्टी नहीं है. यह सेठों के धन-बल पर काम नहीं करती है. ये लोगों को समर्पित पार्टी है. एससी-एसटी-ओबीसी और मुस्लिम समाज के भाईचारे के गठजोड़ के बल पर चुनाव जीतकर हम इसे आगे बढ़ाएंगे.”

‘सत्ता की चाभी अपने हाथों में लेनी होगी’

इस दौरान मायावती ने मुस्लिमों को अपना संदेश देते हुए कहा, “देश के अल्पसंख्यक समाज के लोगों को  याद दिलाना जरूरी है कि बाबा साहेब अंबेडकर कहते थे कि हम लोगों को अपने खुद के पैरो पर खड़ा होना है. हमें भाईचारा बनाकर रखना होगा. सत्ता की चाभी अपने हाथों में लेनी होगी.”

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‘पसमांदा पहले मुस्लिम उसके बाद पसमांदा’

पसमांदा मुस्लिम समाज को लेकर पिछले कई दिनों से सियासत गरम है. भारतीय जनता पार्टी लगातार पसमांदा मुस्लिम समाज को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. बताया जा रहा है कि निकाय चुनाव से लेकर आगामी चुनाव तक पार्टी पसमांदा मुस्लिम समाज पर अपना भरोसा जता सकती है.

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इसको लेकर भी बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बड़ी बात कही. उन्होंने कहा, “मुस्लिम समाज पहले मुस्लिम हैं उसके बाद पसमांदा.” बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, “पसमांदा मुस्लिम समाज भारतीय जनता पार्टी के बहकावे में नहीं आने वाला है.”

बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार मुस्लिम समाज को पार्टी से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं. अपने बयानों में बसपा चीफ मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश कर रही हैं. बताया जा रहा है कि मायावती आगामी लोकसभा चुनाव में दलित-ओबीसी-मुस्लिम समीकरण बैठाने की कोशिश कर रही हैं. अब देखना यह होगा कि उनकी यह रणनीति कितनी सफल हो पाती है.

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