यूपी: नगर निकाय चुनाव में दिग्गजों के टिकट काट सकती है बीजेपी, सर्वे के आधार पर होगा फैसला
उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) काफी हद तक पिछली बार चुनाव जीत चुके प्रत्याशियों की उम्मीदों पर पानी फेर…
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उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) काफी हद तक पिछली बार चुनाव जीत चुके प्रत्याशियों की उम्मीदों पर पानी फेर सकती है. राज्य में ट्रिपल इंजन की सरकार को बनाए रखने के लिए बीजेपी किसी भी सीट पर कमजोर उम्मीदवार उतारने का जोखिम नहीं लेना चाहती है. ऐसे में बीजेपी नगर निगम, नगर पंचायत और नगरपालिका के अध्यक्षों का सर्वे करा रही है.
पार्टी सूत्रों की मानें तो सर्वे के आधार पर वर्तमान नगर निगम अध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत परिषद अध्यक्ष और वार्डों के पार्षदों के दावों को परखा जाएगा.
क्या जनता में उनके काम को लेकर नाराजगी है? क्या उनकी इमेज पसंद की जा रही है? क्या बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं में उन्हें लेकर कोई असंतोष है? जैसे सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश सर्वे में की जाएगी. साथ ही इस सर्वे में पांच साल में बने पिछड़े जाति और क्षेत्रीय समीकरणों पर भी ध्यान दिया जाएगा.
बीजेपी की शुरुआती सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कई मौजूदा महापौरों, नगर पालिका अध्यक्षों और नगर पंचायत अध्यक्षों के टिकट कटने तय हैं. बीजेपी संगठन ने विशेष टीम गठित कर 18 दिसंबर तक सर्वे रिपोर्ट मांगी है.
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निकाय चुनाव में जीत के लिए बीजेपी वर्तमान नगर निगम मेयर, नगर अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्षों से फीडबैक ले रही है और सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही टिकट फाइनल होगा.
गौरतलब है कि टिकट फाइनल करने के लिए बीजेपी ने हर जिले में 13 सदस्यीय टीम बनाने का फैसला पहले ही कर लिया है. इस टीम में पार्टी के सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं, जो सभी दावेदारों की ताकत और कमजोरियों का आकलन करेंगे और उम्मीदवार पर मुहर लगाएंगे.
पार्टी ने इस बार लगभग 1000 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने और 17 नगर निगमों में पसमांदा समुदाय सम्मेलन आयोजित करने की भी तैयारी की.
यूपी तक से बात करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि निकाय चुनाव के लिए पार्टी पूरी तरह से तैयार है. हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार है, उसके बाद भाजपा पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी, आरक्षण को लेकर कोर्ट का फैसला मान्य होगा.
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उन्होंने कहा कि उम्मीदवार केवल अपने प्रदर्शन और संगठन से प्रतिक्रिया के आधार पर ही दोबारा टिकट पा सकते हैं.
भूपेंद्र चौधरी ने कहा, “उम्मीदवारों के चयन के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है, उम्मीदवार का चयन पार्टी की योग्यता के आधार पर किया जाएगा, पार्टी लंबे समय से परिवारवाद के खिलाफ है. पार्टी किसी भी पदाधिकारी के परिवार के सदस्य को टिकट नहीं देगी. पार्टी हर तबके को मौका देगी और इसके लिए अभी से तैयारी चल रही है.”
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