लोकसभा चुनाव से पहले घोसी में इस पोस्टर ने बढ़ाया सियासी पारा, दिवाली पर मां लक्ष्मी से मांगा गया ये आशीर्वाद
जहां एक तरफ पूरे देश में लोग एक दूसरे को प्रकाश के पर्व दीपावली की शुभकामनाएं दे रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ मऊ जनपद के…
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जहां एक तरफ पूरे देश में लोग एक दूसरे को प्रकाश के पर्व दीपावली की शुभकामनाएं दे रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ मऊ जनपद के घोसी लोकसभा क्षेत्र के चारों विधानसभाओं में जगह-जगह बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं. उन पोस्टरो में सभी क्षेत्रवासियों को दीपावली, भाई दूज, छठ और गोपाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मां लक्ष्मी से प्रार्थना करते हुए यह स्लोगन लिखा गया है,
“मां लक्ष्मी से प्रार्थना है कि 2024 में घोसी लोकसभा को 24 सालों की बदहाली के लिए जिम्मेदार बाहरी और निरंकुश तत्वों से मुक्त करें और क्षेत्रीय नेतृत्व, धन-धन्य, वैभव और विकास से युक्त करें. मां, क्षेत्र के सभी जाति, धर्म के लोगों में भाईचारे में वृद्धि का भी आशीर्वाद दें.”
इस पोस्टर में सबसे ऊपर मां लक्ष्मी की फोटो छपी हुई है और उसके ठीक नीचे दाहिनी तरफ मऊ के विकास पुरुष कहे जाने वाले कल्पनाथ राय की फोटो लगी हुई है. फोटो के नीचे यह लिखा हुआ है, “निर्माण किए थे कल्पनाथ.” पोस्टर में घोसी और निर्माण मंच के संस्थापक बद्रीनाथ द्वारा हाथ जोड़े हुए फोटो भी लगी हुई है.
साल 2024 के होने वाले लोकसभा चुनाव में मऊ की एकमात्र लोकसभा सीट घोसी पर भी चुनाव होना है और इस सीट पर क्षेत्रीय प्रत्याशी उतारे जाने की मांग से संबंधित पोस्टर लग जाने के बाद क्षेत्र में राजनीतिक और सियासी चर्चाओं का बाजार अब धीरे-धीरे गर्म होने लगा है. यहां पर यह बता देना जरूरी होगा कि अभी मऊ जनपद में हुए घोसी विधानसभा के उपचुनाव में भी स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा उठने के कारण बीजेपी के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को समाजवादी पार्टी के स्थानीय और पुराने नेता और प्रत्याशी सुधाकर सिंह के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा था.
आने वाले लोकसभा चुनाव में कहीं ना कहीं राजनीतिक पार्टियों के लिए यह एक चिंतन और मनन का विषय जरूर बनेगा कि कहीं ऐसा ना हो कि स्थानीय प्रत्याशी न देने के कारण चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़े. पोस्टर में जिस कल्पनाथ राय के चेहरे को प्रमुखता दी गई है. वह मऊ जनपद के पूर्व सांसद रहे हैं और मऊ जनपद के सर्वांगीण विकास में उनका अहम रोल रहा है. जिसके कारण आज उनके ना रहने के बाद भी लोग उन्हें विकास पुरुष के नाम से जानते हैं.
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कहीं ना कहीं पोस्ट में उनकी फोटो लगाकर जनता का ध्यान इस और ले जाने का प्रयास किया गया है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि होने से क्या फायदा हो सकता है. घोसी नव निर्माण मंच के संस्थापक बद्रीनाथ के द्वारा लगातार लोगों के स्थानीय मुद्दों की मांग उठाकर और गांव-गांव जाकर छोटी-छोटी मीटिंग करके धीरे-धीरे घोसी लोकसभा क्षेत्र की जनता के मन में यह अलख जगा रहे हैं कि स्थानीय प्रत्याशी और प्रतिनिधि होने से उन्हें कितना फायदा होगा.
बद्रीनाथ कहते हैं कि सभी दलों को यह चाहिए कि वह क्षेत्रीय मुद्दों पर आधारित क्षेत्रीय प्रत्याशी ही चुनाव में उतारे, जिसके कारण जनता का कल्याण हो सके.दीपावली के समय लगे इस अनोखे पोस्टर के कारण क्षेत्र की जनता के बीच धीरे-धीरे अब इस बात की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं. यह पोस्टर घोसी लोकसभा क्षेत्र के चारों विधानसभाओं घोसी, मोहम्मदाबाद गोहना, मधुबन और मऊ सदर सहित घोसी लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले रसड़ा क्षेत्र में भी लगी हुई है.
घोसी नव निर्माण मंच के संस्थापक बद्रीनाथ हैं और वह दिल्ली में रहते हैं. बद्रीनाथ ऑल इंडिया पंचायत परिषद के मीडिया सलाहकार भी हैं. मऊ जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र के कटघरा शंकर गांव के रहने वाले हैं. इनका मानना है कि कल्पनाथ राय की मृत्यु के बाद से पिछले 24 सालों में घोसी लोकसभा से जो भी सांसद हुए हैं, उनके द्वारा कोई भी विकास का कार्य नहीं किया गया है. इसका प्रमुख कारण यह रहा है कि इनमें से ज्यादातर बाहरी रहे हैं.
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यह संगठन प्रबुद्ध लोगों के द्वारा मिलकर बनाया गया है और इस संगठन के द्वारा पिछले काफी महीनों से लोगों के स्थानीय समस्याओं को लेकर आवाज उठाई जाती रही है. इस संगठन के लोग गांव-गांव में जाकर लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं और यह बताते हैं कि क्षेत्रीय मुद्दों पर आधारित जब आपका प्रत्याशी क्षेत्रीय होगा तब वह चुनाव जीतने के बाद आपकी समस्याओं को बाखूबी जानता रहेगा और उसके हल के लिए काम भी करेगा.
हालांकि, अभी तक बद्रीनाथ के द्वारा लोगों और पार्टियों को जागरूक कर यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि वह स्थानीय प्रत्याशी ही उतारे और जनता स्थानीय प्रत्याशी ही चुने. अब आने वाले लोकसभा चुनाव के समय यह मालूम होगा कि क्या घोसी और नव निर्माण मंच राजनीतिक पार्टियों के द्वारा उतारे हुए प्रत्याशियों से संतुष्ट होती है या फिर अपने मुहिम क्षेत्र की जनता की भलाई को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में भी उतरने का काम करती है.
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