‘बाबरी मस्जिद को भारतीय मुसलमानों से छीन लिया गया’, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले ओवैसी का बड़ा बयान
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच राजनीतिक बयानबाजी का दौर…
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अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है.
इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा, “मुसलमानों ने 500 साल तक बाबरी मस्जिद में नमाज पढ़ी. जब कांग्रेस के जीबी पंत उत्तर प्रदेश के सीएम थे, तब मस्जिद के अंदर मूर्तियां रख दी गई. मेरी मस्जिद थी और रहेगी. वो मूर्तियां नहीं निकाले.”
उन्होंने आगे कहा कि उस समय नायर अयोध्या के कलेक्टर थे. उन्होंने मस्जिद को बंद कर दिया और वहां पूजा शुरू कर दी. जब वीएचपी का गठन हुआ तो राम मंदिर अस्तित्व में नहीं था. साल 1950 में नायर साहब जनसंघ के पहले एमपी बनें. फिर 1986 में बगैर मुसलमानों के सुने ताले खोले गए. 6 दिसबंर 1992 को बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिए.
ओवैसी ने कहा कि महात्मा गांधी ने कभी भी राम मंदिर के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया. बहुत व्यवस्थित तरीके से बाबरी मस्जिद को भारतीय मुसलमानों से छीन लिया गया है. अगर जीबी पंत ने उन मूर्तियों को तभी हटा दिया होता और 1992 में मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया होता, तो हमें यह नहीं देखना पड़ता कि वे आज किस हालत में हैं.
अयोध्या नगरी धार्मिक उत्साह से सराबोर
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में केवल दो दिन शेष रह गये हैं और पूरी अयोध्या नगरी धार्मिक उत्साह से सराबोर है. यहां रामपथ स्थित एक इमारत में गुरुवार को खुले एक सरकारी बैंक की नयी शाखा का नाम ‘रामजन्मभूमि’ शाखा रखा गया है.
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राम मंदिर स्थल की ओर जाने वाली एक पुनर्विकसित सड़क को ‘रामजन्मभूमि पथ’ नाम दिया गया है. इस क्षेत्र में स्थित बैंक के शाखा कार्यालय को अलंकृत ‘लैंपपोस्ट’ और दीवारों को सजाया गया है. वहीं दीवार पर लगे एक विशाल बैनर पर बैंक के नाम के साथ राममंदिर की तस्वीर है.
पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के पास, एक अन्य सरकारी बैंक ने एक विशाल होर्डिंग लगाई है, जिस पर लिखा है, ‘‘अयोध्या नगरी में आपका स्वागत है.’’ इसमें राम मंदिर के अलावा भगवान राम को धनुष पकड़े हुए दिखाया गया है.
भगवना राम के प्रति भक्ति भाव ऐसा है कि पवित्र शहर का वाणिज्य भी आध्यात्मिक अनुभूति से अछूता नहीं है. भव्य मंदिर की तस्वीर विजिटिंग कार्ड, पोस्टर, कैलेंडर और यहां तक कि साइन बोर्ड पर भी दिख रही है. शहर में पोस्टर लगाने वाली हर कंपनी ने किसी न किसी तरह से राम मंदिर का चित्रण किया है.
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रेलवे स्टेशन की नयी इमारत के सामने एक विज्ञापन स्थान के लिए विज्ञापन कंपनी ने संदेश लिखा है। हालांकि यह कोई सामान्य विज्ञापन स्थान नहीं है, क्योंकि इसमें हैशटैग ‘अयोध्या की गरिमा’ के साथ भगवान राम और नये मंदिर की छवि भी शामिल की गई है.
इमारत के ‘फूड प्लाजा’ के अंदर, काउंटर के पीछे एक पोस्टर पर मंदिर की एक छवि है। इसके बगल में भगवान राम की तस्वीर वाला एक पोस्टर भी है.
अशर्फी भवन के पास स्थित एक गेस्ट हाउस में कार्यरत अजितेश शुक्ला ने कहा, ‘‘संपूर्ण अयोध्या – मंदिर, बसें, सड़कें और यहां तक कि मोबाइल फोन की कॉलर ट्यून भी ‘राममय’ हो गई है.’’
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने रामजन्मभूमि पथ के बगल में एक दीवार के पास ‘प्रभु श्री राम की पावन नगरी अयोध्या’ में लोगों का स्वागत करते हुए एक पोस्टर लगाया है.
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बेगमपुरा इलाके में कुछ महीने पहले खोले गए लॉज, प्रभाराज पैलेस ने अपनी लॉबी में राम मंदिर का बैनर आकार का एक पोस्टर लगाया है. लॉज के कर्मचारी दीपक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”मंदिर का डिजाइन सार्वजनिक होने के बाद, इसने कई लोगों को आकर्षित किया.”
अशर्फी भवन के पास स्थित सरयू लॉज ने भी भगवान राम की भावना को अक्षरश: अपना लिया है. लॉज के मालिक पुंडरीक गुप्ता लॉज की छत पर धनुष और तीर वाली रोशनी की ओर इशारा करते हैं. ‘जय श्री राम’ रात में चमकता है और कोई भी इसे दूर से भी देख सकता है.
गुप्ता के बिजनेस कार्ड पर नए राम मंदिर की तस्वीर है और उन्हें मोबाइल फोन पर कॉल करने वाला कोई भी व्यक्ति ‘राम आए हैं अयोध्या में’ की धुन सुन सकता है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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