‘योगी मठ चले जाएंगे, मोदी पहाड़ों में तो कौन आएगा’, वायरल वीडियो पर ओवैसी ने रखा अपना पक्ष

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर वायरल अपने एक वीडियो को लेकर अपना पक्ष सामने रखा है.

बता दें कि वायरल वीडियो में ओवैसी यह कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं- ”मैं तो उन पुलिस के लोगों से कहना चाह रहा हूं… याद रखो हम तुम्हारे जुल्म को भूलने वाले नहीं हैं… हम याद रखेंगे, हालात बदलेंगे जब कौन बचाने आएगा तुमको. जब योगी अपने मठ में चले जाएंगे, मोदी पहाड़ों में चले जाएंगे, जब कौन आएगा, हम नहीं भूलेंगे याद रखो.”

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस वीडियो को ट्वीट कर कहा है, ”किसे धमका रहे हो मियां? याद रखना जब-जब इस वीर भूमि पर कोई औरंगजेब और बाबर आएगा तब-तब इस मातृभूमि की कोख से कोई ना कोई वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप और मोदी-योगी बन खड़ा हो जाएगा. सुनो हम ना डरे थे मुगलों से ना जिन्नावादियों से तो तुमसे क्या खाक डरेंगे!”

वहीं, बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने यह वीडियो ट्वीट कर कहा है, ”ओवैसी की ये चुनौती खाली पुलिस को नहीं है, बल्कि हर हिंदू को है. ओवैसी का ये भाषण खाली धमकी नहीं है. जिस राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है वहां हिंदुओं के साथ क्या हाल होता है, बंगाल, केरल उसका एक उदाहरण है. आज से 5 साल पहले यूपी, असम में भी यही होता था.”

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वायरल वीडियो पर ओवैसी ने क्या कहा?

ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है, ”#HaridwarGenocidalMeet से ध्यान भटकाने के लिए मेरे कानपुर में दिए गए 45 मिनट के भाषण का 1 मिनट का क्लिप्ड वीडियो प्रसारित किया जा रहा है.” ओवैसी ने अपनी इस प्रतिक्रिया के साथ दो वीडियो क्लिप भी ट्वीट किए हैं.

एआईएमआईएम चीफ ने कहा है,

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  • ”मैंने हिंसा के लिए नहीं उकसाया, न ही धमकी दी. मैंने पुलिस अत्याचारों के बारे में बात की.”

  • ”मैं कानपुर में पुलिस अत्याचारों के बारे में बात कर रहा था और ऐसे पुलिस वालों से अपनी बात कह रहा था, जो सोचते हैं कि उनके पास मोदी-योगी के कारण लोगों की लिबर्टी का उल्लंघन करने की इम्युनिटी है.”

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  • ”मैंने कहा हमारी चुप्पी को सहमति न समझें.”

  • इसके आगे ओवैसी ने कहा है, ”यह विश्वास करना मेरी आस्था का एक अनिवार्य हिस्सा है कि अल्लाह अन्याय की अनुमति नहीं देते हैं. वह उत्पीड़कों को सजा देते हैं. लोगों को अल्लाह के न्याय का आश्वासन देना आशा देता है.”

    उन्होंने कहा है,

    • ”मैंने कहा कि हम पुलिस के इन अत्याचारों को याद रखेंगे. क्या यह आपत्तिजनक है? यह याद रखना आपत्तिजनक क्यों है कि यूपी में पुलिस ने मुसलमानों के साथ कैसा व्यवहार किया है? हम अनस, सुलेमान, आसिफ, फैसल, अल्ताफ, अखलाक, कासिम और सैकड़ों अन्य लोगों पर हुए अत्याचार को नहीं भूल सकते?”

    • ”मैंने लोगों से उम्मीद न खोने के लिए कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि चीजें बदल जाएंगी. लोगों को आश्वस्त करना कोई अपराध नहीं है कि चीजें बेहतरी के लिए बदल जाएंगी.”

    • ”मैंने पुलिस वालों से पूछा: मोदी-योगी के रिटायर होने पर उन्हें बचाने कौन आएगा? असल में, ऐसा कौन करेगा? क्या उन्हें लगता है कि उनके पास आजीवन इम्युनिटी है?”

    • ”मैं कानून के शासन में विश्वास करता हूं: हर अपराध पर न्याय मिलेगा और हर अपराधी को सजा मिलेगी.”

    ओवैसी ने कहा है, ”मेरे भाषण का संदर्भ बिल्कुल स्पष्ट है. मैं उन पुलिस वालों की बात कर रहा था जो 80 साल के बुजुर्ग को प्रताड़ित करते हैं. मैं उन पुलिस वालों की बात कर रहा था जो चुपचाप देखते रहते हैं, जब भीड़ एक रिक्शा चालक को उसकी बेटी के सामने पीटती है.”

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