इटावा का अनोखा मंदिर! नवरात्रि में कालिका मां के साथ मजार की भी होती है पूजा, देखें
इटावा में मां कालिका का एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां सैयद बाबा की मजार की इबादत के बिना कालिका मां की पूजा पूरी नहीं…
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इटावा में मां कालिका का एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां सैयद बाबा की मजार की इबादत के बिना कालिका मां की पूजा पूरी नहीं होती है.
खास बात है कि इस मंदिर में हिंदू और मुस्लिम दोनों समाज के लोग पूजा-पाठ करने आते हैं.
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लखना स्टेट के जमीदार जसवंत राय मां कालिका के भक्त थे. उन्होंने यह मंदिर साल 1882 में बनवाया था.
उसी समय वहां सैयद बाबा की मजार भी स्थापित कराई गई थी. तब से मंदिर के अंदर मजार और मां कालिका की पूजा होती है.
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मां कालिका की पूजा कई पीढ़ियों से दलित पुजारी ही कराते हैं, जबकि सैयद बाबा की मजार पर मुस्लिम पुजारी होते हैं.
मान्यता है कि जब तक सैयद बाबा की मजार की पूजा नहीं होगी तब तक मां कालिका को पूजा स्वीकार नहीं होती है.
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ऐसे में नवरात्रि के समय में भी सैयद बाबा की मजार और मां कालिका दोनों की पूजा की जाती है.
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