ज्ञानवापी में मुस्लिम 600 साल से अदा कर रहे नमाज… कोर्ट के फैसले पर बोले मौलाना फरंगी महली
Gyanvapi Verdict: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. दरअसल, अंजुमन…
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Gyanvapi Verdict: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. दरअसल, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश पारित करते हुए कहा कि ASI के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा, लेकिन उसने साथ ही कहा कि सर्वेक्षण के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं का जानी चाहिए. वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले का मुस्लिम पक्ष की ओर से विरोध शुरू हो गया है. AIMPLB मेंबर और इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कोर्ट के इस ऑर्डर के खिलाफ मुस्लिम पक्ष अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा.
मौलाना ने कहा, “हमें उम्मीद है कि न्याय होगा क्योंकि यह मस्जिद लगभग 600 साल पुरानी है. और मुसलमान पिछले 600 सालों से वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं. हम चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू हो. मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगा.”
जिला अदालत का आदेश उचित है: हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि विवादित परिसर के सर्वेक्षण को लेकर जिला अदालत का आदेश उचित है और इस अदालत द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वांछित नहीं है.
किसने क्या कहा?
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इसे ‘‘बहुत महत्वपूर्ण निर्णय’’ बताते हुए कहा कि अंजुमन इंतेजामिया ने दलील दी थी कि इस सर्वेक्षण से ढांचा प्रभावित होगा, लेकिन अदालत ने उन सारी दलीलों को खारिज कर दिया है.
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AIMPLB के एमडी सुलेमान ने कहा, “हाईकोर्ट ने कहा है कि बिना नुकसान पहुंचाए साइंटिफिक जांच की जाएगी. हम अदालत के फैसले को चुनौती देंगे. अधिक संभावना है कि आज ही समिति की ओर से माननीय न्यायालय में इसका उल्लेख किया जाएगा.”
बीजेपी नेता मोहसिन रजा ने कहा, “मुस्लिम पक्ष को आगे आकर पहल करनी चाहिए. आज से अगर वार्ता शुरू करें तो उससे विकल्प ही निकलेगा. मुख्यमंत्री ने जो कहा सही कहा, जो भी वहां गया है साफ दिखता है कि वहां क्या रहा होगा. सपा बोलती है को वहां 200 साल से नमाज हो रही है, तो उससे पहले क्या हो रहा था इसपर भी बात होनी चाहिए. औरंगजेब और महमूद गजनवी हमारे हीरो नहीं हो सकते, हमारे हीरो प्रॉफिट मोहम्मद और राम हैं. AIMPLB के पास और मुद्दे नहीं हैं, जहां भी हाथ डालेंगे उल्टा ही करेंगे.”
इलाहाबाद HC द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वेक्षण की अनुमति देने के बाद, मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा, “फैसला जल्द से जल्द आना चाहिए, अन्यथा बातचीत होती रहेगी. अगर अंतिम निर्णय जल्द आता है तो यह देश के लिए अच्छा होगा.”
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अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि अब मुस्लिम पक्ष को खुद आगे आकर सनातनियों के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थान कोवापस देना चाहिए
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