‘लड़कियों को लड़कों के साथ ना पढ़ाया जाए, हो रहा धर्म परिवर्तन’, जमीयत प्रमुख मौलाना मदनी का बड़ा बयान

सत्यम मिश्रा

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जमीयत उलेमा में बड़ी बैठक हुई जिसमें 37 जिलों से हजारों की तादाद में उलेमा के सदस्यों ने शिरकत की. इस बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी (Arshad Madani)  भी शामिल हुए. मदनी ने अपने संबोधन के दौरान मुस्लिम कौम से कई तरह की अपील की. वहीं अपने संबोधन में मदनी ने कहा कि, ‘नफ़रत फैलाने के लिए लव जिहाद का इश्यू बनाया गया और इसलिए हम कहते है कि बच्चियों के लिए अलग स्कूल खोलें जिसमें न मुस्लिम लड़का पढ़े और न हिंदू लड़का पढ़े.’

जमीयत प्रमुख मौलाना मदनी का बड़ा बयान

मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि, ‘साम्प्रदायिकता ने अतीत में देश को नुकसान पहुंचाया है और उसकी बर्बादी आज भी हमारे सामने हैं और ऐसे में इसका हर स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए. साथ ही किसी भी वर्ग द्वारा फैलाये गये साम्प्रदायिकता का बिल्कुल भी समर्थन मुसलमानों को नहीं करना चाहिए. यदि साम्प्रदायिक तत्व मुसलमान को शिकार बनाते हैं तो जितना हो सके अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें और सभी मुसलमानों को सलाह दें कि,वे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें.’

कही ये बात

मदनी ने आगे कहा कि मुस्लिम शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की जाए, ‘जिनमें नर्सरी से मिडिल और हाईस्कूल तक इस्लामी माहौल में शिक्षा दी जाए. देश की वर्तमान स्थिति में विशेष रूप से मुस्लिम लड़कियों के लिए आठवीं कक्षा के बाद अलग शिक्षण संस्थान स्थापित किए जाए, ताकि लड़कियां बुरे प्रभाव से सुरक्षित रह सके क्योंकि लड़कियों को धर्मांतरण का शिकार बनाया जा रहा है और उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है.’

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