कौशांबी: 20 दिन बाद कब्र से निकाला गया शव , हिंदू परिवार ने जताया हक, जानें पूरा मामला

अखिलेश कुमार

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उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में कब्र से शव निकालने का मामला सामने आया है. कब्र में दफन रमजान नाम के युवक के शव पर हिंदू परिवार ने अपना हक जताते हुए उसे अपने बेटे सूरज का शव बताया है. जब यह मामला डीएम सुजीत कुमार के पास पहुंचा तो उन्होंने तीन सदस्यीय टीम गठित कर शव को कब्र से निकालकर उसकी डीएनए जांच कराए जाने का आदेश दिया है. मामला सैनी कोतवाली क्षेत्र के बिजलीपुर गांव का है.

डीएम के आदेश के बाद सिराथू सीओ कृष्ण गोपाल सिंह और सिराथू एसडीएम राहुल देव भट्ट की मौजूदगी में शव को खुदाई शुरू हुई. उसके बाद कब्र से शव को बाहर निकाला गया. इस दौरान दोनों परिवार के सदस्य भी मौजूद थे.

सैनी कोतवाली के बनपुकरा गांव के पास 20 दिन पहले 11 जून, 2022 को ट्रेन हादसे में एक युवक की मौत हो गई थी. जब शव की पहचान नहीं हो पाई थी, तो बिजलीपुर गांव के सब्बीर अहमद ने उसे अपना बेटा रमजान बताकर शव का अंतिम संस्कार कराया. वहीं, फतेहपुर जनपद के धाता निवासी संतराज ने शव को अपना बेटा सूरज बताकर जांच किए जाने की अपील की.

कब्र मे दफन लाश किसकी है, यह पता लगाने के लिए डीएम सुजीत कुमार ने पुलिस से जांच कराकर रिपोर्ट तलब की. जिसमें पुलिस अधिकारियों ने शव को बिना कब्र से बाहर निकाले सत्यता की जांच में असमर्थता जाहिर की. रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने 3 सदस्य टीम गठित कर जांच किये जाने का आदेश दिया. संतराज के दावे की हकीकत जानने के लिए शनिवार को कब्र की खुदाई कर शव को बाहर निकला जाना था, लेकिन सम्पूर्ण समाधान दिवस होने के चलते खुदाई नहीं की जा सकी. जिससे रविवार को कब्र की खुदाई की गई.

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तीन डॉक्टरों का पैनल बनाकर शव का परीक्षण होगा. शव में अगर खून आदि के सैंपल मिले तो प्रयास होगा कि स्थानीय स्तर पर पहचान हो जाए. इसके बाद भी अगर पहचान का संकट हुआ तो डीएनए टेस्ट कराने के लिए नमूने संकलित किए जाएंगे. डीएनए टेस्ट आने बाद ही पता चल पाएगा कि शव सूरज का है या फिर रमजान का.

सिराथू क्षेत्राधिकारी कृष्ण गोपाल सिंह ने बताया कि 11 जून 2022 को एक डेड बॉडी रेलवे ट्रैक पर मिली थी. नियमानुसार कार्रवाई कराते हुए डेड बॉडी को मोर्चरी हाउस में रखवा दिया गया था. उसकी पहचान नहीं हो पाई थी. इसी दौरान 14 जून को मंझनपुर थाना क्षेत्र के एक मुस्लिम परिवार ने शव को अपना बेटा बताया और पुलिस ने उस शव को इस परिवार के सुपुर्द कर दिया था. उसी समय युवक का अंतिम संस्कार किया गया था.

उन्होंने आगे बताया कि इसी बीच 12-13 दिन बाद एक फतेहपुर का परिवार सामने आया और जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर डेड बॉडी पर अपने बेटे का क्लेम किया. जिसके आधार पर डीएम ने जांच का आदेश दिया.

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