‘मृत मरीज को वेंटिलेटर पर रखकर करते रहे इलाज और…’, लखनऊ मेदांता अस्पताल पर लगा आरोप चौंकाऊ है

सत्यम मिश्रा

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Lucknow News: आपने अक्षय कुमार की फिल्म गब्बर देखी होगी. उस फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे एक मर चुके मरीज का अस्पताल में इलाज होता रहा. फिर जब मोटा बिल बन गया तो अस्पताल वालों ने पहले से ही मर चुके मरीज को मृत घोषित कर दिया. अब कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मेदांता अस्पताल से सामने आया है. यहां एक शख्स ने अस्पताल के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है.

वीडियो में एक युवक मेदांता अस्पताल पर बड़े आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहा है. युवक आरोप लगा रहा है कि उसका मरीज पिछले 3 दिनों से मरा हुआ है. मगर डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा हुआ है. अस्पताल की तरफ से मर चुके मरीज का झूठे इलाज करवाया जा रहा है और पैसे बनाए जा रहे हैं. वीडियो में युवक आरोप लगा रहा है कि अब अस्पताल वालों ने मरीज को मृत घोषित किया है और अब शव देने के लिए 1 लाख रुपये की फिर मांग की जा रही है.

मेदांता अस्पताल पर लगा गंभीर आरोप

लखनऊ के मेदांता अस्पताल की गिनती राजधानी लखनऊ के बड़े अस्पतालों में होती है. लखनऊ के आस-पास के क्षेत्रवासी भी इस अस्पताल में अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं. मगर अब मेदांता अस्पताल पर जो आरोप लगा है, उसने सभी को चौंका दिया है.  

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दरअसल मेदांता अस्पताल से एक युवक की वीडियो वायरल हुई है. इस वीडियो में युवक अस्पताल और डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगा रहा है. युवक का कहना है कि अस्पताल मर चुके मरीज का पिछले 3 दिनों से इलाज कर रहे हैं. इलाज के नाम पर वह अभी तक 7 लाख रुपये से अधिक की रकम अस्पताल में जमा कर चुका है. डॉक्टरों ने पैसे बनाने के लिए मर चुके मरीज को वेंटिलेटर पर रखा हुआ है.

अब शव वापस करने के मांग रहे 1 लाख

वीडियो में युवक आगे कहता है कि अब उसके मरीज को मृत घोषित किया गया है. मगर अब अस्पताल वाले शव देने के लिए 1 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं. युवक कहता है कि अब परिवार 1 लाख रुपये कहां से लाएगा? 

युवक वीडियो में कह रहा है कि मरीज के इलाज का खर्चा अस्पताल की तरफ से 4 लाख के आस-पास बताया गया था. मगर अब अस्पताल ने 14 लाख का बिल बना दिया है. अब जब मरीज मर गया है तब भी ये लोग शव देने के लिए 1 लाख रुपये मांग रहे हैं.

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मेदांता अस्पताल की तरफ से आया बयान

युवक के इन आरोपों को मेदांता अस्पताल की तरफ से खारिज कर दिया गया है. मेदांता अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने लेटर जारी करके इस मामले पर आधिकारिक बयान दिया है. उन्होंने लिखा है,  मरीज की चिकित्सा में कोई लापरवाही नहीं बरती गई. बल्कि प्रोटोकाल का पालन करते हुए उसका इलाज किया गया. इस दौरान इलाज का भी ज्यादा पैसा नहीं लिया गया. 

अस्पताल की तरफ से कहा गया कि,  मृतक को जटिल रोग था, जिसकी सर्जरी की गई और वह सफल रही. बाद में मरीज को वेंटिलेटर से अगले दिन ही हटा दिया गया. मगर मरीज को अन्य भी कई समस्याएं थी. इसी की वजह से उसने दम तोड़ दिया. मृतक का शव देने में कोई देरी नहीं हुई है. शव को मृतक के रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है. फिलहाल ये मामला चर्चाओं में बना हुआ है.

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