लखनऊ: अब भीख नहीं मांगते हैं ये बच्चे, स्मार्ट क्लासेस के जरिए कर रहे पढ़ाई, जानिए

सत्यम मिश्रा

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Lucknow News Hindi: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम और उम्मीद फाउंडेशन द्वारा यहां की सड़कों और चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की गई है. ताकि ये बच्चे पढ़ लिख कर आगे बढ़ सकें और भिक्षावृत्ति से दूर हो सकें. स्मार्ट क्लासेज की मदद से भीख मांगने वाले बच्चे अपने अंदर सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. आपको बता दें कि स्मार्ट क्लासेस सुबह 10 बजे से 12 बजे तक, 12 से 2 और फिर 2 से 4 बजे तक तीन पालियों में आयोजित की जाती हैं. इनमें कुल 45 बच्चे भाग लेते हैं.

इस दौरान बच्चों को एक बड़ी एलईडी टीवी के माध्यम से शिक्षक पढ़ाई करवाते हैं. पढ़ाई के अलावा बच्चों को लैपटॉप और गीत संगीत भी सिखाया जाता है. वहीं, बच्चों को शिक्षा देने वाले शिक्षक संचय ने बताया कि यहां पढ़ने के लिए वह बच्चे आते हैं, जो निम तबके के हैं, जिनके माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दे सकते हैं.

अध्यापक संचय बताते हैं कि ‘ये वो बच्चे हैं, जो सड़कों पर भीख मांगते थे, लेकिन अब बच्चों का पढ़ाई में मन लग रहा है. यहां पर बच्चों को लैपटॉप भी चलाना सिखाया जा रहा है. स्मार्ट क्लास में बच्चे समय से पढ़ने आ रहे हैं, हम लोग स्मार्ट क्लासेस के जरिए से बच्चों को ज्यादा से ज्यादा सिखाने का प्रयास कर रहे हैं.’

वहीं, उम्मीद फाउंडेशन के सदस्य और प्रोजेक्ट मैनेजर प्रताप विक्रम सिंह ने बताया,

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“ये वे बच्चे हैं जो भिक्षावृत्ति में पूरी तरीके से लिप्त थे. मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट जोकि सेंट्रल गवर्नमेंट का प्रोग्राम है और नगर निगम के माध्यम से लखनऊ में यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है. नगर निगम में शेल्टर होम के पास में ही स्लम ऐरिया है, जिसमें नट समुदाय रहता है और वह परंपरागत तरीके से भिक्षावृत्ति का कार्य पीढ़ी दर पीढ़ी कर रहा है. इन बच्चों को एजुकेशन का ई भी नहीं पता था, लेकिन आज इनको एक एक्सपोजर मिला है जिसके चलते अब बच्चों में कॉन्फिडेंस आ गया है. वे पढ़ाई कर रहे हैं और अब भिक्षावृत्ति में आगे नहीं जाएंगे.”

प्रताप विक्रम सिंह

Lucknow Samachar: प्रताप विक्रम सिंह ने आगे बताया, “जो बच्चे गीत-संगीत और म्यूजिक में इंटरेस्ट रख रहे हैं, उनको इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से सिखाया जाएगा. राज्यपाल महोदया ने तबला-हारमोनियम और गिटार जैसी चीजें हम लोगों को दी हैं. इन इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से हम बच्चों को म्यूजिक भी सिखाएंगे ताकि वह आगे बढ़ सकें. अभी विगत 26 जनवरी के दिन जब गणतंत्र दिवस था उसमें भिक्षा मांगने वाले 45 बच्चों ने परेड में परफॉर्म किया था.”

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