लखनऊ में रात को भगवान भरोसे है सुरक्षा का हाल! यूपी तक की पड़ताल से चौंक जाएंगे आप

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Lucknow News Hindi: दिल्ली के कंझावला में एक बेटी के साथ हुई दरिंदगी के बाद यूपीतक की टीम बीती देर रात राजधानी लखनऊ के अल-अलग इलाकों में यह जानने और समझने के लिए निकल पड़ी कि यहां देर रात लड़कियां कितनी सुरक्षित हैं और यहां रात में पुलिस कर्मी कितने अलर्ट हैं.

सबसे पहले यूपीतक की टीम रात करीब 12 बजे हजरतगंज गई. हजरतगंज को लखनऊ का दिल कहा जाता है और अगर यही दिल महिलाओं के लिए सुरक्षित ना हो तो क्या कहा जाए. हजरतगंज महिलाओं के लिए कितना सुरक्षित है जब हमने इसकी पड़ताल की तो जो सामने आया वह हैरान कर देने वाला था. हम जब हजरतगंज चौराहे पहुंचे तो यहां बनी पुलिस चौकी में सड़क की तरह सन्नाटा नजर आया. हमने अंदर जाने का प्रयास किया तो अंदर केवल खाली कुर्सियां और एक रजिस्टर रखा नजर आया. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि हजरतगंज की पुलिस चौकी से विधानसभा और लोक भवन की दूरी महज 300 मीटर है.

फिर सिकंदरबाग में ये दिखा

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लखनऊ न्यूज़: हजरतगंज से चलते हुए हम सिकंदरबाग पहुंचे. यहां भी हालात वैसे ही हैं. अगर किसी लड़की को आते-जाते पुलिस की मदद की जरूरत पड़ती है तो यहां भी उसे निराशा ही हाथ लगेगी क्योंकि यहां पर पुलिस चौकी तो बनी है, लेकिन उसी पुलिस चौकी में एक बड़ा सा ताला भी पड़ा है.

फिर हम रात 12.30 बजे करीब सिकंदर बाग से होते हुए जागरण चौराहे पहुंचे. यहां पर भी एक पुलिस चौकी बनी है. अगर किसी महिला को देर रात पुलिस की मदद की जरूरत पड़ती है तो यहां भी उसे निराशा ही हाथ लगेगी. जब हमारी टीम चौकी के अंदर गई तो वहां सन्नाटा पसरा हुआ मिला. वहां एक कॉफी का कप मिला, जिसमें कुछ कॉफी बची थी. उसे देखकर लगा कि पुलिसकर्मी चाय कॉफी पीकर कुछ घंटे पहले ही यहां से गए हैं.

यूपी समाचार: हजरतगंज से गोमतीनगर जाने पर भी हमें रास्ते में कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आया. यहां तक की पुलिस के पेट्रोलिंग वाहन भी नजर नहीं आए.

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नजर आया ताला

फिर हमारी टीम डालीबाग पुलिस चौकी पहुंची. यहीं से कुछ मीटर आगे से गोमतीनगर की शुरुआत भी होती है, लेकिन अगर कोई यहां मदद के लिए आया तो उसे निराशा ही हाथ लगेगी, क्योंकि हमारी टीम को यहां बड़ा सा एक ताला नजर आया.

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महिला सुरक्षा पर सवाल

यूपी में महिला सुरक्षा के दो प्रतीक हैं. एक पिंक बाथ और दूसरा विमान पावरलाईन, लेकिन अगर देर रात यहां भी सन्नाटा मिले तो महिला मदद के लिए आखिर कहां जाए? 1090 क्रॉसिंग पर पिंक बूथ तो मौजदू है, लेकिन यहां कोई महिला पुलिस कर्मी नहीं है.

फिर हमारी टीम रात करीब 2 बजे लोहिया पथ पहुंची. इस जगह अक्सर लोग रैश ड्राइविंग करते नजर आते हैं. ऐसे में यहां दिन में पुलिस ज्यादा एक्टिव दिखती भी है, लेकिन देर रात के नजारे कुछ और ही हैं. यहां पुलिस सहायता केंद्र तो बड़ा सा बना है लेकिन वहां सिर्फ सन्नाटा पसरा है.

ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि अगर यहां पर दिल्ली जैसी घटना होती है तो शायद कोई पुलिस कर्मी नहीं होगा जो उस लड़की को बचाने उस गाड़ी के पीछे जा सके.

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