CM योगी ने दिया बड़ा तोहफा, लखनऊ में लगी एशिया की पहली पैथोजन रिडक्शन मशीन, ये होंगे फायदे
राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में एशिया का पहला पैथोजन रिडक्शन मशीन का लोकार्पण सीएम योगी ने किया. मुख्यमंत्री…
ADVERTISEMENT
राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में एशिया का पहला पैथोजन रिडक्शन मशीन का लोकार्पण सीएम योगी ने किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान वैस्कुलर सर्जरी और थोरेसिक सर्जरी विभाग का भी लोकार्पण किया. वहीं इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट हमेशा से ही कई महामारी, वायरस की रोकथाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पैथोजन रिडक्शन मशीन लगने से रक्त को संक्रमित होने से बचाया जा सकेगा, जिससे जो गंभीर मरीज हैं जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट होना है उनको इससे लाभ होगा और वह दूषित ब्लड से संक्रमित होने से बच जाएंगे.
सीएम योगी ने अपने टि्वटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि लखनऊ के केजीएमयू में एशिया की पहली पैथोजन रिडक्शन मशीन का लोकार्पण किया. केजीएमयू ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर तूलिका चंद्रा ने बताया कि ब्लड में कई तरह के बैक्टीरिया वायरस मौजूद होते हैं, ऐसे में पूरी तरह से मरीजों को शुद्ध ब्लड उपलब्ध कराना बेहद जरूरी होता है. इन अशुद्धियों को दूर करने के लिए केजीएमयू के ब्लड बैंक में पैथाजन रिडक्शन मशीन लगाई गई है.प्रोफेसर चंदा ने बताया कि जब कोई डोनर किसी मरीज को ब्लड देता है तो उसको खुद पता नहीं होता है कि उसके ब्लड में कौन-कौन से वायरस बीमारी पनप रही है. क्योंकि चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू वायरस जैसी बीमारियों की जांच डोनर की ब्लड देने से पहले नहीं होती है.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
जब कोई व्यक्ति मरीज को ब्लड डोनेट करता है तो ऐसे में ब्लड के अंदर मौजूद यह वायरस मरीज तक फैल जाते हैं और मरीजों की स्थिति खराब होने लगती है. उन्हें अन्य बीमारियों से भी लड़ना पड़ता है. ऐसे में प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के अंदर मौजूद जो भी बीमारियां और वायरस हैं, अब पैथोजन रिडक्शन मशीन उसे किल कर देगी और मरीज के शरीर के अंदर ब्लड संक्रमण नहीं हो सकेगा. सिर्फ और सिर्फ प्यूरीफाइड ब्लड पहुँचेगा.
डॉक्टर तूलिका ने बताया कि,ब्लड डोनेट करने से पहले डोनर की अभी तक एचआईवी,हेपेटाइटिस बी-सी और मलेरिया जैसी बीमारियों की जांच करते थे. किसकी वजह से थोड़ा बहुत अशुद्ध ब्लड मरीजों में प्रवेश कर जाता था लेकिन अब इस मशीन की लगने की वजह से मरीज के अंदर अशुद्ध खून नहीं जाएगा. बल्कि शुद्ध खून पहुंचेगा और वह अन्य बीमारियों से सुरक्षित रहेगा. प्रोफेसर चंद्रा ने यह भी बताया कि,पैथोजन का काम होता है कि जो भी ब्लड में बैक्टीरिया,वायरस और प्रोटोजा है उसे वह आसक्रिय करता है.ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की एचओडी प्रो तुलिका चंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि,पैथाजन रिडक्शन मशीन एशिया के किसी भी देश में पहली बार लगाई गई है, जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपए है.
ADVERTISEMENT