सरकारी एंबुलेंस से हर रोज महिला कर्मचारी को घर से अस्पताल लाता और वापस छोड़ता है ड्राइवर
उत्तर प्रदेश में सरकारी एंबुलेंस की शुरुआत इस उद्देश्य से की थी कि एक फोन कॉल पर ही एंबुलेंस जरूरतमंदों तक तुरंत पहुंचेगी और मरीजों…
ADVERTISEMENT
उत्तर प्रदेश में सरकारी एंबुलेंस की शुरुआत इस उद्देश्य से की थी कि एक फोन कॉल पर ही एंबुलेंस जरूरतमंदों तक तुरंत पहुंचेगी और मरीजों को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाएगी. मगर प्रदेश में एंबुलेंस को लेकर लगातार लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं. कानपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है.
कानपुर के कांशीराम हॉस्पिटल में एक एंबुलेंस ड्राइवर अपनी साथी महिला कर्मचारी को उसके घर से लाने और छोड़ने के लिए सरकारी एंबुलेंस का प्रयोग करता है. प्रतिदिन रात में उसको हॉस्पिटल से लेने के लिए एंबुलेंस लेकर सनिगवां कालोनी आता है और उसके बाद एंबुलेंस से हॉस्पिटल से घर छोड़ने भी आता है. इस दौरान एम्बुलेंस के डीजल का खर्चा सरकार के खाते में ही जाता है.
इस मामले में जब हमने एंबुलेंस ड्राइवर से बात की तो उसका कहना है कि हम इधर से निकलते हैं तो रास्ते में महिला कर्मचारी का घर पड़ता है, इसलिए उसको ले लेते हैं.
मगर सवाल यह है कि जब एंबुलेंस हॉस्पिटल में रहती है, तो वह महिला कर्मचारी को छोड़ने कैसे जाती है और एंबुलेंस ड्राइवर को वह सही समय कैसे पता होता है कि जब वह मरीज लेने जाएगा, उसी समय रास्ते में महिला कर्मचारी उसको हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार मिलेगी.
इस मामले में क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हम लोग भले फोन करे तो एम्बुलेंस देर से आए या ना आए, लेकिन यह एंबुलेंस ड्राइवर प्रतिदिन अपनी महिला कर्मचारी को लेने और छोड़ने टाइम से आता है. यह बिल्कुल गलत है.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
बता दें कि अभी तक इस मामले में संबंधित जिम्मेदारी अधिकारियों से बात नहीं हो पाई है. उनका पक्ष आने के बाद इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.
कानपुर: कोचिंग जा रही नाबालिग छात्रा का अपहरण कर किया रेप का प्रयास? पुलिस ने उठाया ये कदम
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT