भारत में आ सकता है तुर्की जैसा विनाशकारी भूकंप? IIT कानपुर के प्रोफेसर ने दी ये चेतावनी
Kanpur News: तुर्की (Earthquake in Türkiye) और सीरिया (Syria) में आए विनाशकारी भूकंप से भारी तबाही हुई है. दोनों देशों के हजारों लोग अब तक…
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Kanpur News: तुर्की (Earthquake in Türkiye) और सीरिया (Syria) में आए विनाशकारी भूकंप से भारी तबाही हुई है. दोनों देशों के हजारों लोग अब तक इस भूकंप में मारे जा चुके हैं. इस तबाही ने दोनों देशों को हिला कर रख दिया है तो वहीं पूरे विश्व को चिंता में डाल दिया है. इसी बीच आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मलिक बड़ी चेतावनी भी जारी कर दी है. उन्होंने कहा है कि तुर्की, सीरिया की तरह भारत में भी तेज भूकंप के झटके आ सकते हैं. नेपाल में अगर बड़ा भूकंप आया को उसका असर यूपी में भी पड़ सकता है. इसी के साथ उन्होंने कहा है कि गंगा के मैदानी क्षेत्रों को ज्यादा खतरा है.
दी ये चेतावनी
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मलिक ने कहा कि अगले एक-दो दशक या उसके पहले भी ये संभव है. आशंका है कि भूकंप का केंद्र हिमालयन जन या अंडमान निकोबार होगा. इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है. आपको बता दें कि प्रो.मलिक भूकंप प्रभावित क्षेत्रों जैसे कच्छ, अंडमान व उत्तराखंड में लंबे समय से धरती के बदलावों का अध्ययन कर रहे हैं.
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नेपाल में 1803 में आए भूकंप का असर मथुरा तक दिखा था, अंग्रेजों ने रखा था रेकॉर्ड
आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंसेज विभाग के प्रोफेसर जावेद मलिक ने आगे कहा, “नेपाल में कोई बड़ा भूकंप आया तो उत्तर प्रदेश तक इसका असर दिख सकता है. 1934 में नेपाल और बिहार में आए भूकंप का दूर तक असर दिखा था. 1803 में नेपाल में आए भूकंप का असर मथुरा तक दिखा है. अंग्रेजों ने इसका रिकॉर्ड रखा था. ऐसे में हर किसी को सचेत रहने की जरूरत है.
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प्रफेसर मलिक ने बताया कि बीते दिनों आए भूकंप का केंद्र नेपाल का पश्चिमी हिस्सा था. 2022 में इस हिमालयी देश में आए भूकंप के केंद्रों से करीब 75 किमी दूर. धरती के अंदर इंडियन और यूरेशियन प्लेटों के टकराव से बनी ऊर्जा से 2015 में नेपाल में भूकंप आया था.
बता दें कि विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि इस भूकंप से जमीन के अंदर मौजूद ऊर्जा पूरी तरह बाहर नहीं निकली है. ऐसे में सारे आकलन और मॉडल इस बात की ओर संकेत करते हैं कि हिमालयी रेंज किसी बड़े भूकंप के चक्र में आ चुका है.
नेपाल और उत्तराखंड में दर्ज हो चुके हैं इतिहास में बड़े भूकंप
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बता दें कि नेपाल में सन 1255 और सन 1833 में बड़े भूकंप आए थे. उत्तराखंड की कुमाऊं रेंज में भी सन 1505 और सन 1803 में बड़े भूकंप दर्ज हुए थे. नेपाल के हिमालयी क्षेत्र में सन 1934 में भी 8 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप रेकॉर्ड हुआ था. ऐसे में जिस क्षेत्र में 500 से 600 साल तक कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है, वहां कोई बड़ा भूकंप आने की पूरी आशंका है. इसका समय और तारीख तो नहीं बताई जा सकती, लेकिन सतर्क रहने का समय आ गया है. हमें बचाव की तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए.
गंगा के मैदानी क्षेत्रों में भी खतरा
प्रोफेसर मलिक ने कहा कि भूकंप की सेस्मिक वेव (तरंगें) जब गंगा के मैदानी इलाकों में यात्रा करती हैं तो इनकी ताकत काफी बढ़ जाती है. भूजल कम गहराई पर है तो मोटी जलोढ़ मिट्टी पर असर होने की पूरी आशंका है. इससे इमारतों पर भी असर दिख सकता है. नेपाल या हिमालयी क्षेत्र में अधिक तीव्रता के भूकंप से गंगा के मैदानी क्षेत्रों पर असर पड़ने की पूरी आशंका है. 2001 में गुजरात के भुज में आए भूकंप का असर 250-300 किमी दूर अहमदाबाद तक दिखा था. हाल-फिलहाल आए भूकंपों को हमें खतरे की शुरुआती चेतावनी मानना चाहिए.
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