पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए बेटे ने जॉब छोड़ की वकालत, दोषियों को दिलवाई उम्रकैद
आपने अपने जीवन में बाप-बेटों के रिश्तों की कई कहानियां सुनी होंगी. मगर ग्रेटर नोएडा से सामने आई ये कहानी उनसब कहानियों से अलग है. दरअसल, यहां एक बेटे ने अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए पहले अपनी प्राइवेट जॉब छोड़ी…
ADVERTISEMENT
Greater Noida News: आपने अपने जीवन में बाप-बेटों के रिश्तों की कई कहानियां सुनी होंगी. मगर ग्रेटर नोएडा से सामने आई ये कहानी उनसब कहानियों से अलग है. दरअसल, यहां एक बेटे ने अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए पहले अपनी प्राइवेट जॉब छोड़ी और फिर लॉ की पढ़ाई कर 10 साल की कानूनी लड़ाई लड़के दो दोषियों को आजीवन कारावास करवाया. इस मामले में अन्य दो लोगों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. खबर में आगे विस्तार से जानिए पूरी कहानी.
दरअसल, इस पूरी कहानी को समझने के लिए आपको आज से करीब 10 साल पहले नोएडा के थाना 39 क्षेत्र में स्थित रायपुर गांव में घटी घटना को समझना पड़ेगा. मालूम हो कि बीते 31 दिसंबर 2013 को आकाश नामक युवक के पिता घर पर थे. तभी गांव के ही राजपाल चौहान और उसके तीन बेटे बाइक पर सवार होकर आए और 4 गोली आकाश के पिता पालेराम के शरीर में दाग कर चले गए. इसके चलते पालेराम की मौके पर ही मौत हो गई.
इस हत्या के पीछे की वजह यह थी कि आरोपी अवैध खनन और ग्राम समाज की भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर रहे थे, जिसके खिलाफ आकाश के पिता ने आवाज उठाई थी. इसके साथ ही आकाश का ये भी कहना है कि उसका भाई रविंद्र चौहान पिता पालेराम की हत्या का चश्मदीद गवाह था, जिसका शव बीते 21 जून 2014 को दिल्ली के नरेला के पास रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला. और स्थानीय प्रशासन ने इसमें कोई जांच नहीं की.
यूपी तक ने आकाश चौहान से बात की तो उसने बताया कि जब उसके पिता की राजपाल चौहान और उसके लड़के सोनू उर्फ सूरज, कुलदीप, जितेंद्र ने हत्या करी थी तब वह एक निजी कंपनी में काम कर रहा था. इस मामले में पुलिस ने भी कई दफा गुमराह किया, संभलकर पैरवी नहीं की जिसके कारण केस में बहुत लापरवाही बरती गई. इन हत्यारों को सजा दिलाने के लिए आकाश लगातार कोर्ट के चक्कर लगा रहा था.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
तभी आकाश की मुलाकात तत्कालीन DGC क्रिमिनल के पद पर तैनात केके सिंह से हुई और उन्होंने उसकी दास्तां को जाना तो लॉ करने की सलाह दी. इसके बाद आकाश ने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए वकालत की पढ़ाई की.
आकाश के ‘गुरु’ केके सिंह ने बताया कि ‘आकाश के पिता की हत्या इस वजह से कर दी गई थी क्योंकि वह समाजसेवी थे और अवैध खान के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई थी. इसके बाद हत्यारों ने घर में घुसकर चार गोलियां मार दी थीं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.’ उन्होंने बताया कि आकाश उनके पास आया था और कानूनी सलाह मांगी थी. उन्होंने आकाश को सलाह दी कि वह वकील बन जाए और अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलवाए.
फिर आकाश ने वकालत की पढ़ाई की और कठोर तैयारी करने के बाद दो लोगों को उम्र कैद की सजा दिलाने में वह सफल हुआ. जबकि दो सबूत के आभाव के बरी हो गए. आकाश के पिता की जब हत्या की गई थी तो आकाश जॉब करता था. इस बीच आकाश को कई तरीके की कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा. जान से मारने की धमकी भी मिली. पैसे देकर भी केस को रफा दफा करने की कोशिश की गई.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT