राम मंदिर नहीं बनने तक कुंवारे रहने की खाई थी कसम, भोजपाली बाबा की है अनूठी कहानी
Ayodhya News : अयोध्या (Ram Mandir) में बन रहे राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी के दिन होना है. इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने…
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Ayodhya News : अयोध्या (Ram Mandir) में बन रहे राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी के दिन होना है. इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट भव्य तैयारियां कर रहा है. राम मंदिर ट्रस्ट ने भी इस भव्य और दिव्य कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को आमंत्रित करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के बैतूल के भोजपाली बाबा (Bhojpali Baba) को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भेजा गया है, जिसके बाद वो चर्चा में आ गए हैं. आइए आपको बताते हैं कौन हैं भोजपाली बाबा.
राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में मिलिए भोजपाली बाबा से जिन्होंने 21 साल की उम्र में राम मंदिर न बन जाने तक शादी न करने की कसम खाई थी।#Ayodhya #AyodhyaRamMandir pic.twitter.com/b82cWkEZKE
— UP Tak (@UPTakOfficial) December 25, 2023
बता दें कि मध्य प्रदेश के रहने वाले भोजपाली बाबा ने संकल्प लिया था कि जब तक भव्य राम मंदिर नही बनेगा तब तक अविवाहित रहेंगे. बाबा का संकल्प पूरा हो गया और गांव वाले उन्हें अयोध्या भेजने की तैयारी कर रहे है.
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कौन हैं भोजपाली बाबा
बाबा भोजपाली मूलतः भोपाल के रहने वाले हैं और 21 साल की उम्र में कार सेवकों के साथ अयोध्या गए थे, तभी से उन्होंने भव्य श्री राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया था. दर्शन शास्त्र और एक अन्य विषय में एमए करने के साथ ही उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है. भोजपाली बाबा का परिवार संघ की पृष्ठभूमि का है. बचपन से ही उन्होंने देश भक्ति के लिए कार्य किये हैं. 1992 में भोजपाली बाबा राम मंदिर को लेकर कारसेवकों के साथ अयोध्या गए थे.
21 साल की उम्र में ले लिया था ये संकल्प
बाबा ने 21 साल में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर अविवाहित रहने का संकल्प लिया और सनातन धर्म के लिए सन्यासी बन गए. हालांकि बाबा ने कुछ दिन वकालत भी की है.उनके परिवार में माता पिता एवं तीन भाई और हैं. जब बाबा ने परिवार छोड़ा तो उनकी माँ ने रोकने की कोशिश की थी पर बाबा नही रुके और घर से निकल गए. बाबा ने तीन बार नर्मदा परिक्रमा की है. परिक्रमा के दौरान उनकी माता जी का निधन हो गया था पर वे अंतिम संस्कार में इसलिए शामिल नही हुए, क्योंकि परिक्रमा अधूरी रह जाती.
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