संकट मोचन मंदिर में ब्लास्ट के बाद राम भक्त बन गईं काशी की नाजनीन और नजमा, मंदिर पर ये बोलीं

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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. इस आयोजन को लेकर पूरे देश में खुशी की लहर है. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में जुड़कर हर कोई रामलला का स्वागत करना चाहता है. इस बड़े अवसर पर हर कोई अपनी तरफ से रामलला के स्वागत के लिए जुटा हुआ है. इसी बीच वाराणसी की रहने वाली नजमा और नाजनीन अंसारी भी इस मौके पर अयोध्या जाकर वहां से राम ज्योति लेकर आ रही हैं.

दरअसल काशी की 2 मुस्लिम महिलाएं, नाजनीन और नजमा अंसारी पिछले कई सालों से भगवान राम की भक्ति कर रही हैं. अब जब 22 जनवरी को राम मंदिर का आयोजन होने वाला है, तब ये दोनों मुस्लिम महिलाएं अयोध्या जाकर वहां से राम ज्योति काशी लेकर आ रही हैं. इनका लक्ष्य है कि वह राम ज्योति लाकर वाराणसी के हिंदू-मुस्लिम परिवारों को ये पवित्र ज्योति वितरित करें.

‘संकट मोचन मंदिर हमले के बाद शुरू की राम भक्ति’

साल 2006 में वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में आतंकवादियों ने बम धमाके किए थे. इस हमले में कई लोग मारे गए थे. नाजनीन और नजमा अंसारी का कहना है कि जब साल 2006 में संकट मोचन मंदिर में धमाके हुए थे, तभी से वह दोनों श्रीराम की भक्ती कर रही हैं. बता दें कि इन धमाकों में 20 लोगों की मौत हुई थी. 

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‘धर्म बदल सकते हैं लेकिन पूर्वज नहीं’

नाजनीन अंसारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, हमारे समाज में ऐसा कोई नहीं कह सकता कि राम हमारे पूर्वज नहीं हैं. हम अच्छे से जानते हैं कि राम हमारे पूर्वज हैं. दरअसल हम अपना धर्म चाहे तो बदल सकते हैं. मगर हम कभी भी अपने पूर्वजों को नहीं बदल सकते. श्रीराम हमारे पूर्वज हैं. भगवान तो कण-कण में बसे हुए हैं.

नाजनीन और नजमा ने भाषा से राम मंदिर को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा, पहले तो राम मंदिर का नाम लेने से भी डर लगता था. नफरत का माहौल चरम पर था. आज हम राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो हम खुश हैं.

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(भाषा के इनपुट के साथ)

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