पश्चिम यूपी को अलग राज्य का दर्जा…मायावती ने इन 2 मुद्दों को उठा अखिलेश-बीजेपी को दी टेंशन
लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा चीफ मायावती ने भी चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. इसी बीच मायवती ने पश्चिम यूपी को लेकर कुछ ऐसे मुद्दे उठा दिए हैं, जिससे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और बीजेपी, दोनों टेंशन में आ सकते हैं.
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UP News: लोकसभा चुनावों को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती भी एक्टिव हो गई हैं. बसपा चीफ मायावती ने चुनावी जनसभाएं भी शुरू कर दी हैं. अपनी सभाओं में बसपा चीफ कई ऐसे मुद्दे लेकर सामने आ रही हैं, जिसकी चर्चा हमेशा होती रही है.
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर के चुनावी मंच पर मायावती ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के विभाजन का कार्ड चल दिया है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में उनकी सरकार मजबूती के साथ आती है, तो वह पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा बनाने के लिए ठोस कदम उठाएंगी. अब उनका ये बयान चर्चाओं में आ गया है.
मायावती ने फिर उठाई यूपी के बंटवारे की आवाज
बसपा सुप्रीमो मायावती रविवार को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर, पश्चिम उत्तर प्रदेश पहुंची और यहां चुनावी जनसभाएं संबोधित की. इस दौरान मायावती ने कहा कि अगर बहुजन समाज पार्टी की सरकार केंद्र में मजबूती के साथ आती है तो वह पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए ठोस कदम उठाएंगी.
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आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है, जब बसपा चीफ मायावती ने यूपी के बंटवारे की बात की हो. बसपा के एजेंडे में प्रदेश का विभाजन शामिल रहा है. खुद मायावती खुले मंचों से इसकी मांग कई बार करती रही हैं.
पश्चिम यूपी की 2 मांगों को मायावती ने मंच से उठाया
आपको बता दें कि पश्चिम यूपी में भी प्रदेश के बंटवारे और यहां हाई कोर्ट बेंच की मांग हमेशा से उठती रही है. पश्चिम में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर तो कई बार बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन होता रहा है. इन दोनों ही मांग को मायावती ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले उठा दिया है और इसको लेकर वादा भी कर दिया है.
सपा-कांग्रेस और बीजेपी आए एक साथ
आपको बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर सपा, कांग्रेस और बीजेपी, तीनों ही दल एक नजर आ रहे हैं. तीनों का कहना है कि बसपा की सरकार होते हुए मायावती ने ये काम नहीं किए. उनका आरोप है कि मायावती, विभाजनकारी राजनीति कर वोट हासिल करने की कोशिश कर रही हैं.
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रालोद भी उठा चुकी है ये मांग
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में पहले भी इस तरह की मांगे उठ चुकी है. मायावती के अलावा राष्ट्रीय लोकदल यानी आरएलडी भी पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग कर चुकी है. दूसरी तरफ राजा बुंदेला द्वारा बुंदेलखंड को अलग करने की मांगे भी उठती रही है. मगर ये सब ज्यादातर चुनाव जीतने के टोटके हैं. अभी तक किसी भी दल ने इस तरह का कोई प्रयास नहीं किया है.
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