इस बार छठ पर आस्थावानों की परीक्षा, बाढ़ की वजह से मिट्टी, गाद और गंदगी का अंबार

रोशन जायसवाल

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लोक आस्था के पर्व छठ पर इस बार काशी में आस्थावानों की कठिन परीक्षा हो रही है. इसके पीछे वजह है वह मिट्टी, गाद और…

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लोक आस्था के पर्व छठ पर इस बार काशी में आस्थावानों की कठिन परीक्षा हो रही है. इसके पीछे वजह है वह मिट्टी, गाद और गंदगी जो गंगा घाट पर जमी हुई है. इस बार बारिश के मौसम में चार बार गंगा में आई बाढ़ के चलते अभी कुछ दिनों पहले तक बढ़ाव जारी था.

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अब कहीं जाकर गंगा का जलस्तर कम होना शुरू हुआ है तो उसके साथ ही नगर निगम और तमाम समितियां मिलकर घाटों की सफाई में जुट गई हैं. लेकिन शुरू हो चुके छठ पर्व को देखते हुए हो रही कोशिश नाकाफी है.

वाराणसी के सभी 84 घाटों पर बाढ़ के बाद मिट्टी, गंदगी और गंदगी का अंबार है. जिसकी सफाई रात-दिन चल रही है. ऐसे में इस बार इन्हीं से होकर गंगा तक व्रती महिलाओं और आस्थावानों को जाना पड़ेगा. जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है और अभी भी गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ ही है.

पक्के घाटों पर मिट्टी के चलते फिसलन और दलदल की दिक्कत पैदा हो गई है. आज नहाए-खाए के पहले गंगा स्नान करने पहुंची व्रती महिलाओं को तो अभी से उसी दलदल वाले रास्तों से होकर गुजरना पड़ा है और अब उनको यह डर भी सता रहा है कि भारी भीड़ में वे आखिर छठ के दिन कैसे गंगा तक जा सकेंगी?

वहीं दिन-रात सफाई में लगे मजदूर भी बता रहें हैं कि छठ तो दूर अगर और मशीनें नहीं लगेंगी तो देव दीपावली तक सफाई का काम पूरा नहीं हो सकेगा.

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इस मामले को विस्तार से जानने के लिए खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Kanpur Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.

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