UP चुनाव: OBC वोटों पर किसकी पकड़ मजबूत, किसके हाथ लगेगी बाजी? जानिए वरिष्ठ पत्रकार की राय
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही वक्त बचा है. इस बीच हमने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर…
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उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही वक्त बचा है. इस बीच हमने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर…
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही वक्त बचा है. इस बीच हमने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ खास चर्चा की. इस दौरान हमने यह जानने की कोशिश की कि मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश की सियासी हवा का रुख आखिर किस तरफ दिख रहा है.
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चर्चा के वक्त इस सवाल पर कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कौन जीतता दिख रहा है, राजदीप ने कहा, ”आज की तारीख में मुझे लगता है कि पन्ने बीजेपी की तरफ हैं क्योंकि अगर हम पिछले तीन चुनाव देखें – 2014 का लोकसभा चुनाव, 2017 का विधानसभा चुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव – तो एक ट्रेंड देखने को मिला कि बीजेपी का ग्राफ लगातार बढ़ता गया है.”
इसके आगे उन्होंने कहा, ”अन्य दलों का ग्राफ कहीं न कहीं घटता गया है या उसी लेवल पर रहा है. इसलिए इन पक्षों को, खासकर समाजवाद पार्टी जो नंबर चैंलेजर के रूप में उभरकर आ रही है, उनको जिस स्विंग की जरूरत होगी, वो करीब 8-10 फीसदी का स्विंग होगा. यह आसान नहीं है. बीजेपी से जितने वोट खिसक रहे हैं, उसमें से 70-80 फीसदी वोट समाजवादी पार्टी की तरफ चाहिए होंगे, तभी समाजवादी पार्टी नंबर 1 पर आ सकती है.”
राजदीप ने कहा, ”अगर हम गणित को देखें तो आज की तारीख में बीजेपी को हराना मुश्किल है, नामुमकिन नहीं.”
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नेताओं के दल-बदल के बीच तेज हुई ओबीसी पॉलिटिक्स को लेकर उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सीएसडीएस पोस्ट-पोल सर्वे के मुताबिक, नॉन-यादव ओबीसी जो उत्तर प्रदेश में करीब 35 फीसदी हैं, उनमें से 72 फीसदी वोटर्स ने बीजेपी को वोट दिया था, यानी बीजेपी को यहां बहुत बड़ी बढ़त मिली थी.
राजदीप ने कहा, ”अगर आप 2012 का विधानसभा चुनाव देखें, जब समाजवादी पार्टी जीती थी, तब बीजेपी को केवल 19-20 फीसदी नॉन-यादव ओबीसी वोटर्स का समर्थन मिला था. मतलब वक्त के साथ बीजेपी ने नॉन-यादव ओबीसी वोट को लगातार अपनी तरफ करने की कोशिश की है.”
इसके आगे उन्होंने कहा कि बीजेपी से समाजवादी पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे ओबीसी नेताओं के जाने से परसेप्शन में फर्क जरूर पड़ सकता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या वोटर भी बीजेपी से दूर जाएंगे.
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(राजदीप ने चुनाव से जुड़े और भी कई अहम पहलुओं पर अपनी राय सामने रखी, पूरी बातचीत को आप ऊपर दिए गए वीडियो में देख सकते हैं.)
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