UP: वकील करते थे एक्सीडेंट क्लेम का फर्जीवाड़ा? कार्रवाई में 30 लाइसेंस रद्द, जानिए मामला

संतोष शर्मा

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू हुए एक्सीडेंट क्लेम जांच में एक ऐसा फर्जीवाड़े सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में वकील और पुलिसकर्मी तक शामिल हैं. इस मामले के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने 30 वकीलों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. तो वहीं पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. बता दें कि एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने ये एक्शन लिया है.

उत्तर प्रदेश एसआईटी विंग के खुलासे के अनुसार, अज्ञात वाहन की चपेट में आकर एक्सीडेंट में हुई मौत के इंश्योरेंस क्लेम में भी फर्जीवाड़ा कर रकम हड़पने का धंधा किया जा रहा था. जांच में सामने आया है कि इस धंधे में वकील और पुलिसकर्मी तक शामिल है.

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा

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मिली जानकारी के अनुसार अज्ञात वाहन की चपेट में आकर जिस परिवार में किसी की मौत होती थी, इंश्योरेंस हड़पने वाला यह गैंग उस परिवार को अपना निशाना बनाता था. गैंग के लोग ऐसे परिवारों को तलाशते थे जिसके किसी सदस्य की मौत अज्ञात वाहन की टक्कर से हो जाती थी. आरोप है कि यह लोग उस परिवार को इंश्योरेंस से मोटी रकम दिलाने का लालच देकर उन्हें अपना शिकार बनाते थे.

बताया जा रहा है कि यह गैंग एक ऐसे वाहन और ड्राइवर की तलाश करता था जो कबूल करें की ये हादसा उससे हुआ है. फिर परिवार की तरफ से थाने में उस वाहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाती है. जांच एजेंसी के अनुसार एफआईआर दर्ज करवाने में पुलिस कर्मियों की भी मिलीभगत रहती थी. केस दर्ज होने के बाद जांच की जाती और जैसे ही मामला कोर्ट में जाता वहां वकील अपना काम शुरू कर देते थे.

आरोप है कि यह लोग कोर्ट के आदेश से बीमा कंपनी से इंश्योरेंस की रकम लेते थे और बाद में मामले को रफा-दफा कर दिया जाता था. आरोप लगाया गया है कि मृतक के परिवार को इंश्योरेंस की रकम का कुछ हिस्सा देकर वकील, पुलिस वाले और  गैंग के सदस्य बाकी रकम आपस में बांट लेते थे.

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इस मामले के सामने आने के बाद यूपी पुलिस की एसआईटी जांच के आधार पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने एक्सीडेंट क्लेम में फर्जीवाड़ा कर रकम हड़पने के रैकेट में शामिल 30 वकीलों के लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले में वकीलों के साथ इस क्लेम रैकेट में शामिल छह पुलिसकर्मी भी दोषी पाए गए हैं जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. आपको बता दें कि एक्सीडेंट के फर्जी क्लेम के सबसे ज्यादा मामले मेरठ, बरेली और शाहजहांपुर में सामने आए हैं.

रिकॉर्ड मांगा तो लग गई आग

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बताया जा रहा है कि जब इस फर्जी क्लेम के संबंध में गाजियाबाद लेबर कोर्ट से एसआईटी ने रिकॉर्ड मांगा तो वहां के रिकॉर्ड रूम में आग लग गई. इस मामले में भी मुकदमा दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है.

बता दें कि इंश्योरेंस कंपनियों से फर्जीवाडा कर क्लेम हासिल करने के इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू की गई थी. मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की सुनवाई नवंबर महीने में की जाएगी.

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