सर्वे: क्या जिन्ना वाले बयान से अखिलेश को होगा नुकसान? UP में CM के तौर पर कौन पहली पसंद

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उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे आगामी विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे ही सियासी तपिश भी बढ़ती जा रही है. आपको याद होगा कि समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद इस पर लगातार सियासी वार-पलटवार का सिलसिला देखने को मिला है. अखिलेश के इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उन पर हमलावर दिखी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिन्ना को लेकर जारी सियासत से अखिलेश को फायदा होगा या नुकसान?

एबीपी न्यूज और सी वोटर के सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर लोगों का मानना है कि इससे समाजवादी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है.

इस सर्वे में 59% लोगों ने माना कि अखिलेश यादव को अपने जिन्ना को लेकर दिए गए बयान से नुकसान होगा, जबकि 41% लोग ऐसे हैं जिनका मानना है कि एसपी चीफ को इस बयान से फायदा हो सकता है.

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आखिर अखिलेश ने जिन्ना को लेकर क्या कहा था?

अखिलेश यादव ने 31 अक्टूबर को हरदोई की एक जनसभा में कहा था, “सरदार (वल्लभ भाई) पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़े और बैरिस्टर बनकर आए थे. एक ही जगह पर उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की. वो बैरिस्टर बने. उन्होंने आजादी दिलाई.”

लोग किसे बनाना चाहते हैं सीएम

एबीपी न्यूज और सी वोटर के सर्वे के अनुसार, ज्यादातर लोगों ने सीएम पद के लिए योगी आदित्यनाथ को अपनी पसंद बताया है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 43% लोग योगी आदित्यनाथ, 31% लोग अखिलेश यादव, 15% लोग मायावती, 5% लोग प्रियंका गांधी, 1% लोग जयंत चौधरी, जबकि 5% लोग अन्य को सीएम बनाना चाहते हैं.

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एसपी को आरएलडी से गठबंधन कर होगा फायदा?

एबीपी न्यूज-सी वोटर ने अपने सर्वे में पाया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) से गठबंधन करके फायदा हो सकता है. बता दें कि इस मुद्दे पर 60% लोग मानते हैं कि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी (आरएलडी चीफ) के साथ आने से दोनों को फायदा होगा जबकि 40% लोग मानते हैं कि दोनों पार्टियों के गठबंधन से उन्हें नुकसान हो सकता है.

छोटी पार्टियों से एसपी-बीजेपी के गठबंधन पर क्या है लोगों की राय?

आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और एसपी के छोटी पार्टियों से गठबंधन को लेकर 53% लोग मानते हैं कि ये जरूरी है, जबकि इस विषय पर 47% लोगों का मानना है कि यह दोनों पार्टियों की मजबूरी है.

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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से बीजेपी को होगा फायदा?

सर्वे के मुताबिक, 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद 52% लोग ऐसे हैं, जिनका मानना है कि इससे आगामी चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है. वहीं, 43% लोग मानते हैं कि इससे बीजेपी को कोई फायदा नहीं होगा.

कौन जीतेगा 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव?

एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे के अनुसार, ज्यादातर लोगों का मानना है कि अगला चुनाव बीजेपी जीतेगी. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 47% लोगों को लगता है कि यह चुनाव बीजेपी जीतेगी. वहीं, समाजवादी पार्टी के लिए लोगों के समर्थन का ये आंकड़ा 29%, बीएसपी के लिए 8%, कांग्रेस के लिए 7% है. जबकि 2% लोगों को लगता है कि त्रिशंकु स्थिति बनेगी.

सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 46% लोगों ने माना है कि वे सरकार से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं. 29% लोगों का कहना है कि वे बदलाव तो नहीं चाहते, लेकिन सरकार से नाराज हैं. वहीं, 25% लोग ऐसे हैं, जिनका मानना है कि वे न तो योगी सरकार से नाराज हैं और न ही बदलाव चाहते हैं.

यूपी चुनाव के लिए कौन से मुद्दे रहेंगे प्रभावी?

सर्वे के आंकड़ों की मानें तो 29% लोगों को लगता है कि किसान आंदोलन यूपी का सबसे प्रभावी मुद्दा होगा. यहां यह बात गौर करने लायक है कि पीएम मोदी ने 19 नवंबर को नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है. यह सर्वे उससे पहले का है. वहीं, 16% लोगों के मुताबिक ध्रुवीकरण, 15% के हिसाब से कोरोना, 14% के मुताबिक कानून व्यवस्था, 6% के अनुसार सरकार का काम, 6% के हिसाब से पीएम मोदी की छवि और 14% के अनुसार चुनाव में अन्य मुद्दे अहम हो सकते हैं.

एबीपी न्यूज-सी वोटर के मुताबिक, उसके सर्वे में 6 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. इसे 11 नवंबर से लेकर 17 नवंबर के बीच में किया गया.

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