UP: 2 साल बाद निजी स्कूलों को मिली फीस बढ़ाने की अनुमति, जानें कितनी हो सकेगी वृद्धि?

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उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों की जेब पर अब असर पड़ने वाला है. दरअसल, पिछले 2 सालों से कोरोना काल के चलते सरकारी आदेश के कारण स्कूल प्रशासन फीस में इजाफा नहीं कर सकते थे, लेकिन अब सरकार ने निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी के लिए अनुमति दे दी है. इस बढ़ोतरी के लिए सत्र 2019-20 के फीस स्ट्रक्चर को आधार बनाया जाएगा. अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई समस्याएं और परेशानियों के कारण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था. इसके चलते छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के रोजगार में दिक्कत आने लगी थी और स्कूलों में फीस जमा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था और जनहित में पहली बार शैक्षणिक संस्थानों में फीस वृद्धि ना किए जाने के निर्देश दिए गए थे.

सरकार के अनुसार, कोरोना महामारी के मामलों में अब कमी आ रही औऱ परिस्थितियां सामान्य हो रही हैं, इसलिए अब फीस में वृद्धि की जा सकती है.

सरकार ने दिया फीस बढ़ने का ये फॉर्मूला-

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शैक्षणिक सत्र 2019-20 में ‘X’ वार्षिक शुल्क होने की दशा में सत्र 2022-23 में शुल्क वृद्धि नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वृद्धि की गणना की जाए + छात्रों से सत्र 2019-20 में लिए गए वार्षिक शुल्क ‘X’ से पांच प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं की जाए. रिपोर्ट्स के अनुसार, ये बढ़ोतरी करीब 10% के आसपास बैठेगी.

वहीं, स्कूल की ओर से लिए जाने वाले शुल्क के संबंध में यदि कोई छात्र, अभिभावक, अध्यापक या एसोसिएशन नाराज है तो वह अधिनियम 2018 की धारा 8 के अंतर्गत जिला शुल्क नियामक समिति के सामने शिकायत कर सकता है.

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