यूपी में डीजीपी की नियुक्ति का मामला: सरकार ने आयोग को मुकुल गोयल को हटाने के बताए ये कारण
नियमित डीजीपी की तैनाती से पहले यूपीएससी की तरफ से मुकुल गोयल को हटाए जाने की वजह पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने आयोग…
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नियमित डीजीपी की तैनाती से पहले यूपीएससी की तरफ से मुकुल गोयल को हटाए जाने की वजह पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने आयोग को जवाब भेज दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मुकुल गोयल को हटाने की वजह में मुजफ्फरनगर दंगा और भर्ती घोटाले में सस्पेंशन का जिक्र किया गया है.
1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश सरकार ने 11 मई 2022 को अचानक डीजीपी पद से हटा दिया था. मुकुल गोयल को हटाए जाने के बाद से कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर डीएस चौहान काम कर रहे हैं. नियमित डीजीपी की तैनाती के लिए यूपीएससी को भेजे गए आईपीएस अफसरों के पैनल पर आयोग की तरफ से मुकुल गोयल को हटाने की वजह पूछी गई. उत्तर प्रदेश सरकार ने आयोग को एक पत्र भेजकर इसकी वजह बताई है.
गृह विभाग की तरफ से भेजे गए इस पत्र में साफ लिखा गया है कि किसी भी व्यक्ति में सीनियरिटी होने के साथ-साथ डीजीपी बनने की क्षमता भी होनी चाहिए. मुकुल गोयल का नाम पुलिस भर्ती घोटाले में आया था जिसके चलते उनको 2006 में सस्पेंड किया गया था. इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी की सरकार में जब मुजफ्फरनगर का दंगा हुआ उस समय भी मुकुल गोयल ही एडीजी लॉ एंड ऑर्डर थे, लेकिन वो दंगों को नियंत्रित कर पाने में विफल साबित हुए थे.
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दरअसल यूपी सरकार ने बीते 11 मई को जब अचानक मुकुल गोयल को हटाया तो हटाने की वजह बताते हुए अकर्मण्यता और सरकारी कामों में रुचि नहीं लेने का हवाला देकर हटाया था. जब यूपीएससी ने डीजीपी के पैनल को लेकर मुकुल गोयल को 2 साल से पहले हटाने की वजह पूछी तो उत्तर प्रदेश सरकार ने हटाने की वजह आयोग को भेज दी है.
यूपी: डीजीपी की नियुक्ति से पहले आयोग ने मुकुल गोयल को हटाने की राज्य सरकार से पूछी वजह
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