कलयुग आ गया…HC ने अलीगढ़ के बुजुर्ग दंपत्ति के केस को लेकर जो टिप्पणी की उसकी खूब चर्चा, हुआ क्या?
UP News: अलीगढ़ के बुजुर्ग दंपत्ति के बीच गुजारा भत्ते को लेकर विवाद चल रहा है. कोर्ट ने इसी मामले को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि लगता है कि अब कलयुग आ गया है.
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UP News: लगता है कलयुग आ गया है…ये टिप्पणी इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से आई है. दरअसल यहां एक ऐसा केस सामने आया, जिसने कोर्ट को भी चौंका दिया. यहां बुजुर्ग दंपत्ति के बीच गुजारा भत्ते को लेकर विवाद हुआ है. दोनों के बीच काफी लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही है. कोर्ट ने इसी मामले को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि लगता है कि अब कलयुग आ गया है.
जानिए क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल ये पूरा मामला अलीगढ़ से सामने आया है. यहां 80 साल के मुनेश कुमार गुप्ता स्वास्थ विभाग में सुपरवाइजर के पद से रिटायर हुए थे. उनकी पत्नी गायत्री देवी हैं, जिनकी उम्र 76 साल है. उम्र के इस पड़ाव पर आकर दोनों के बीच कुछ साल पहले विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि मामला पुलिस में पहुंच गया.
बता दें कि दोनों के बीच संपत्ति विवाद पुलिस के पास पहुंच गया. साल 2018 में पुलिस ने इस मामले को परिवार परामर्श केंद्र भेजा. परामर्श केंद्र में भी दोनों के बीच बात नहीं बनी. दोनों पति-पत्नी के बीच अब विवाद और बढ़ गया. इसी बीच पत्नी गायत्री देवी ने फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी.
पत्नी ने आजीविका के लिए मांगे 35 हजार रुपये
गायत्री देवी ने इस मामले को फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल की और कहा कि पति की पेंशन 35 हज़ार के आसपास है. उन्होंने कोर्ट में हर महीने 15 हजार रुपये दिए जाने की मांग की. कोर्ट ने 16 फरवरी को अपने आदेश में 5 हज़ार गुजारा भत्ता देने के लिए कहा. कोर्ट के इस फैसले को पति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. इसपर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और ये टिप्पणी की.
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कोर्ट ने क्या कहा?
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने टिप्पड़ी करते हुऐ कहा, लगता है कलयुग आ गया है और ऐसी कानूनी लड़ाई चिंता का विषय है. इस दौरान उन्होंने दंपति को सलाह देने की भी कोशिश की. कोर्ट ने कहा कि पत्नी ने अपने पति से गुजारा भत्ता मांगा था और फैमिली कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया. अब इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. हाई कोर्ट ने पत्नी को नोटिस जारी करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगली सुनवाई तक वह दोनों किसी समझौता तक पहुंच जाएंगे.
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