सावन का महीना और आप यूपी में हैं, तो जरूर कीजिए इन 5 शिव मंदिरों का दर्शन
Famous Shiv Temples of Uttar Pradesh: सावन का महीना इस बार 4 जुलाई, मंगलवार से शुरू होने जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि सावन…
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Famous Shiv Temples of Uttar Pradesh: सावन का महीना इस बार 4 जुलाई, मंगलवार से शुरू होने जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि सावन का महीना देवों के देव महादेव भगवान शिव को सबसे प्रिय होता है. इसलिए भक्त भगवान शिव की इस महीने में विशेष रूप से पूजा-अर्चना करते हैं. बता दें कि सावन के महीने को श्रावण के नाम से भी जाना जाता है. इस बार सावन 2 महीने तक रहने वाला है. यूपी समेत पूरे देश में सावन बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है. ऐसे में अगर आप भी भगवान शिव के मंदिर का दर्शन करना चाहते हैं, तो यूपी के इन मंदिरों के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए.
ये हैं UP के प्रसिद्ध मंदिर
1. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग: वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यहां पूरे साल भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है.
2. गोला गोकर्णनाथ: यूपी के लखीमपुरी खीरी में छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव की नगरी गोला गोकर्णनाथ है. इसकी मान्यता है कि कि सतयुग में लंकेश्वर रावण भगवान शिव को यहां लाया था. ऐसे में अगर आप लखीमपुर खीरी में हैं तो आप इस मंदिर में पूजा अर्चना करने जा सकते हैं.
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3. मनकामेश्वर मंदिर: संगम नगरी प्रयागराज में सरस्वती घाट के पास यमुना नदी के तट पर मनकामेश्वर मंदिर स्थित है. सावन के मौके पर भक्तों की भीड़ लगती है. प्रयागराज जाने पार इस मंदिर में आप जरूर जा सकते हैं.
4. गढ़ मुक्तेश्वर धाम: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में गंगा नदी के किनारे गढ़ मुक्तेश्वर धाम स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान परशुराम ने शिव मंदिर की स्थापना की थी.
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5. लोधेश्वर महादेव मंदिर: बाराबंकी स्थित यह मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है. मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां शिवलिंग को स्थापित किया था.
क्या है सावन के महीने का महत्त्व
सावन के महीने आप अपना एक महत्त्व होता है. सावन के सोमवार के सभी व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को केंद्र में रखकर किए जाते हैं. इसी महीने में भोले के भक्त कांवड़ यात्रा निकालते हैं. बता दें कि कांवड़ में सभी पवित्र नदियों से जल लेकर लाया जाता है. इस दौरान भक्त भगवा रंग के लिबास में नजर आते हैं और क्ति और समर्पण के प्रतीक के रूप में भगवान शिव से जुड़े पवित्र स्थानों तक पैदल चलते हैं.
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