आबादी में हिस्सेदारी 16.9% पर आत्महत्या के मामले सिर्फ 3.1% यूपी से, जानें नए आंकड़े

भाषा

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार ने देश में साल 2020 में देश में आत्महत्या के आंकड़ों को जारी किया है. एक तरफ 2019 की तुलना में जहां देश में खुदकुशी के मामले बढ़ गए हैं, तो दूसरी तरफ आबादी के लिहाज से देखें तो यूपी अपेक्षाकृत कम मामले देखने को मिले हैं. आइए इन आंकड़ों को विस्तार से देखते हैं.

भारत में वर्ष 2020 में आत्महत्या के 1,53,052 मामले यानी रोजाना औसतन 418 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 10,677 मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के हैं. केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 2020 में 2019 की तुलना में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2019 में इनकी संख्या 1,39,123 थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने बताया कि (प्रति लाख जनसंख्या) आत्महत्या दर में भी बढ़ोतरी हुई है. यह 2019 में 10.4 थी, लेकिन पिछले साल यह 11.3 रही.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2020 के दौरान कृषि क्षेत्र के 10,677 लोगों (5,579 किसानों और 5,098 कृषि मजदूरों) ने आत्महत्या की, जो देश में आत्महत्या करने वालों (1,53,052) का सात प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार 5,579 किसान आत्महत्या मामलों में से कुल 5,335 पुरुष और 244 महिलाएं थीं. इसमें कहा गया है कि 2020 के दौरान खेतिहर मजदूरों द्वारा की गई 5,098 आत्महत्याओं में से 4,621 पुरुष और 477 महिलाएं थीं.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में, जानें क्या है यूपी का हाल

आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं. महाराष्ट्र में कुल 19,909 मामले दर्ज किए गए, जो कुल मामलों का 13 प्रतिशत हैं. उसके बाद तमिलनाडु में 16,883, मध्य प्रदेश में 14,578, पश्चिम बंगाल में 13,103 और कर्नाटक में 12,259 मामले दर्ज किए गए. तमिलनाडु में देशभर में आत्महत्या के कुल मामलों के 11 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 9.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 8.6 प्रतिशत और कर्नाटक में आठ प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी ने बताया कि इन पांच राज्यों के आंकड़ों को यदि मिला दिया जाए, तो ये देशभर में दर्ज किए गए आत्महत्या के कुल मामलों के 50.1 प्रतिशत मामले हैं, जबकि बाकी 49.9 प्रतिशत मामले शेष 23 राज्यों एवं आठ केंद्रशासित प्रदेशों मे दर्ज किए गए.

यूपी की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर: ब्यूरो ने बताया कि देश की कुल आबादी में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 16.9 प्रतिशत है. इसके बावजूद इस राज्य में आत्महत्या के अपेक्षाकृत कम मामले दर्ज किए गए. उत्तर प्रदेश में आत्महत्या के कुल मामलों के मात्र 3.1 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.

ADVERTISEMENT

केंद्रशासित प्रदेशों में आत्महत्या के मामलों में दिल्ली टॉप पर

रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वाधिक आबादी वाले केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली में आत्महत्या के 3,142 मामले दर्ज किए गए. दिल्ली इस मामले में केंद्रशासित प्रदेशों में शीर्ष पर रही और इसके बाद पुडुचेरी में 408 मामले दर्ज किए गए.

रिपोर्ट से पता चलता है कि 2020 में देश के 53 बड़े शहरों में आत्महत्या की कुल 23,855 घटनाएं हुईं. शहरों में आत्महत्या की दर (14.8) अखिल भारतीय आत्महत्या दर (11.3) की तुलना में अधिक थी.

इसमें कहा गया है कि 2020 में आत्महत्या करने वाले लोगों में से कुल 56.7 प्रतिशत लोगों ने पारिवारिक समस्याओं (33.6 प्रतिशत), विवाह संबंधी समस्याओं (पांच प्रतिशत) और किसी बीमारी (18 प्रतिशत) के कारण अपनी जान ली. रिपोर्ट के अनुसार, आत्महत्या करने वालों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 70.9 से 29.1 रहा.

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT