‘आत्मनिर्भर बुंदेलखंड’ के लिए KVIC की पहल, मशीनरी/टूल किट का निशुल्क वितरण
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की कौशल विकास स्वरोजगार योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर नया…
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उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की कौशल विकास स्वरोजगार योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर नया कदम बढ़ाया है.
रविवार, 19 दिसंबर को झांसी के पंडित दीनदयाल सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री, एमएसएमई, भानु प्रताप सिंह वर्मा ने झांसी जिले के ग्रामीण कारीगरों और बुंदेलखंड के आसपास के क्षेत्रों के कुम्हारों को विद्युत चालित चाक, मधुमक्खी के बक्से और अगरबत्ती बनाने की मशीनों का निशुल्क वितरण किया.
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में KVIC के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना, स्थानीय सांसद अनुराग शर्मा उपस्थित थे. इस दौरान केंद्र सरकार की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) पर एक जागरूकता कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया गया.
KVIC की ओर से वितरित किए गए उपकरणों में 200 मधुमक्खी बक्से, 100 विद्युत चालित चाक (इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील) और 50 अगरबत्ती बनाने वाली मशीनें शामिल हैं. कहा जा रहा है कि इससे 600 से अधिक स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार सृजित होगा.
KVIC ने इन लाभार्थियों को इस तरह से प्रशिक्षण दिया है ताकि वो अपने घर पर ही रहकर स्व-रोजगार का सृजन करें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करें.
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मंत्री वर्मा ने बुंदेलखंड क्षेत्र में KVIC की पहल की सराहना की और कहा कि यहां के ग्रामीण कारीगरों को दी गई मशीनें उन्हें उनके घर पर ही आजीविका प्रदान करेंगी.
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उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र में रोजगार सृजन की बहुत बड़ी गुंजाइश है. सरकार इस क्षेत्र में PMEGP, हनी मिशन और कुम्हार सशक्तिकरण योजना जैसे प्रमुख कार्यक्रमों को लागू करके रोजगार सृजन में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है.”
KVIC के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा, “KVIC की इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब से गरीब लोगों को सशक्त बनाना है, जो कि प्रधानमंत्री का सपना है. उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र KVIC का फोकस क्षेत्र है, जहां किसानों, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार पैदा करने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं.“
उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम हाशिए के व्यक्ति का उत्थान करना प्रधानमंत्री का सपना है और KVIC अपने कार्यक्रमों के माध्यम से उनके सपने को साकार कर रहा है.
KVIC के मुताबिक, उसने पिछले 3 वर्षों में बुंदेलखंड क्षेत्र में 300 से अधिक कुम्हार परिवारों को सशक्त बनाया है, जिससे इस समुदाय के लगभग 1200 लोगों के लिए आजीविका का सृजन हुआ है.
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KVIC ने बुंदेलखंड के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के अन्तर्गत इस क्षेत्र में लगभग 11,000 नई विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं. इसके माध्यम से 8800 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं.
इन परियोजनाओं के लिए KVIC ने 75 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी वितरित की है. इसके अलावा, 16 खादी संस्थाएं वर्तमान में बुंदेलखंड क्षेत्र में काम कर रही हैं, जिसमें ज्यादातर महिला कारीगर कताई और बुनाई गतिविधियों में लगी हैं.
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